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    फर्जी आइजी मामला: हरियाणा पुलिस के दो कर्मचारी गिरफ्तार, फर्जी आइजी के लिए करते थे गनमैन का काम

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Thu, 10 Feb 2022 09:10 AM (IST)

    Himachal Fake IB IG इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) का फर्जी आइजी बन उद्योगपतियों से अवैध वसूली करने के मामले में हिमाचल सीआइडी की एसआइटी को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इस मामले में कई दिन से फरार हरियाणा पुलिस के दो कर्मियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।

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    हिमाचल सीआइडी की एसआइटी को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।

    शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Fake IB IG, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) का फर्जी आइजी बन उद्योगपतियों से अवैध वसूली करने के मामले में हिमाचल सीआइडी की एसआइटी को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इस मामले में कई दिन से फरार हरियाणा पुलिस के दो कर्मियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। सूत्रों के अनुसार  उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इनमें से एक पुलिस तो दूसरा जेल विभाग में कार्यरत है। आरोप है कि ये दोनों हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों में मुख्य आरोपित और फर्जी आइजी हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले विनय अग्रवाल के लिए गनमैन का काम करते थे।

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    हिमाचल के कालाअंब के उद्योगपति जगवीर की शिकायत पर इन्हें आरोपित बनाया गया है। कई दिन से एसआइटी की रडार पर थे, लेकिन मोबाइल फोन आफ कर दिए थे। इस कारण लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी। हरियाणा में ड्यूटी पर भी नहीं जा रहे थे। सीआइडी की एक टीम इन पर पैनी निगाह रख रही थी। अवैध तरीके से गनमैन की ड्यूटी देने के बदले कितनी घूस ली, इसका पता पूछताछ से ही चलेगा।

    नाहन की कोर्ट में होंगे पेश

    हरियाणा पुलिस के आरोपित कर्मियों को वीरवार को नाहन की कार्ट में पेश किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि अपराध कालाअंब में हुआ है। इन दोनों के अलावा कोई अधिकारी भी संलिप्त था यह नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है।

    मुख्य आरोपित हरिद्वार में चलाता है फार्मा यूनिट

    मुख्य आरोपित विनय और उसका भाई संजीव अग्रवाल उत्तराखंड के हरिद्वार में फार्मा यूनिट चलाते हैैं।

    हिरासत में रहे तो होंगे सस्पेंड

    गिरफ्तार के बाद अगर पुलिस कर्मी अगर 48 घंटे या इससे अधिक पुलिस हिरासत में रहे तो स्वत: ही सस्पेंड यानी डीम्ड सस्पेंड माने जाएंगे। वैसे में हरियाणा में उनके खिलाफ अलग से विभागीय जांच चलेगी।

    क्या है मामला

    विनय अग्रवाल पर आरोप है कि वह आइबी के फर्जी आइजी के तौर पर अपनी पहचान बताता था। वह केंद्र सरकार का अधिकारी बनकर औद्योगिक क्षेत्रों से जबरन धन वसूली करता था। उसके साथ सुरक्षा कर्मी रहते थे, इस कारण उद्योगपति भी उस पर भरोसा कर लेते थे। शिकायत के आधार पर सीआइडी ने पिछले महीने शिमला के थाना भराड़ी में केस दर्ज किया। इस मामले की गहनता से जांच के लिए डीजीपी संजय कुुंडू ने एसआइटी गठित की है। इसके अध्यक्ष एसपी साइबर क्राइम रोहित मालपानी हैं। इसमें एसपी आर्थिक अपराध विंग गौरव सिंह समेत साइबर क्राइम व क्राइम ब्रांच के जांच में माहिर अधिकारियों, कर्मियों को शामिल किया गया है। अभी मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी नहीं की गई है।