Himachal Nagar Nigam Election: राजनीति की गली में दोनों दलाें के दिग्गजों का दांव, नहीं दिखे तीन मंत्री
Himachal Nagar Nigam Election विधानसभा चुनाव से पहले चार नगर निगमों का चुनाव प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों के लिए अहम है। कोई नेता गली-गली घूमा तो कोई हर घर की दहलीज तक जा पहुंचा मकसद यही रहा सत्ता की चाबी किसी और के हाथ न लगे।

धर्मशाला, मनोज कुमार शर्मा। Himachal Nagar Nigam Election, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चार नगर निगमों का चुनाव प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों के लिए अहम है। कोई नेता गली-गली घूमा तो कोई हर घर की दहलीज तक जा पहुंचा, मकसद सिर्फ यही रहा कि सत्ता की चाबी किसी और के हाथ न लगे। आलम यह रहा कि पक्ष-विपक्ष के बड़े चेहरे अगर चांद हैं तो वे संकरी गलियों तक भी उतर आए। यही वजह है कि सरकार की ओर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कमान संभाली है जबकि कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर मोर्चे पर डटे रहे। केंद्रीय मंत्री से लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने दिन रात एक कर दिया।
सोमवार सायं पांच बजे बेशक चुनाव प्रचार थम गया लेकिन दोनों ओर से पसीना बहाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। सात अप्रैल को चार नगर निगमों मंडी, पालमपुर, धर्मशाला व सोलन के अलावा छह नगर पंचायतों में भी मतदान हो रहा है।
सोलन नगर निगम के 17 वार्डों में से 14 वार्डों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दौरा कर चुके हैं। वहीं वार्ड नंबर दो, 13 और 15 के लिए उन्होंने प्रचार नहीं किया। माना जा रहा है कि उक्त तीनों वार्डों में जीत के प्रति भाजपा पूरी तरह से आश्वस्त है। मुख्यमंत्री ने पहले 28 मार्च और फिर तीन अप्रैल को सोलन निगम चुनावों के लिए दौरा किया। यहां भाजपा के प्रदेश सहप्रभारी संजय टंडन के अलावा अन्य नेताओं ने भी पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया।
कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर सभी 17 वार्डों में प्रचार कर चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भी 12 से अधिक वार्डों में पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरा। हालांकि कांग्र्रेस की ओर से पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने सोमवार को आना था लेकिन उनका दौरा भी रद हो गया। सोलन नगर निगम में खास बात यह है यहां भाजपा ने डॉक्टर राजीव बिंदल को जिम्मा सौंपा था जबकि कांग्रेस की ओर से राजेंद्र राणा को यह जिम्मेदारी सौंपी थी। कभी पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के खास माने जाने वाले दोनों नेता अपनी-अपनी पार्टी के लिए जोर लगाते दिखे।
प्रदेश की दूसरी राजधानी कहे जाने वाले धर्मशाला नगर निगम पर हर किसी की नजर है। यहां पिछली बार कांग्रेस का कब्जा रहा है, लिहाजा भाजपा ने ताकत भी दोगुना बढ़ाई है। कांग्रेस भी इस बाजी को खोना नहीं चाहती है तभी यहां पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। गुटबाजी को भुलाकर कांग्रेस नेता हाथ को हाथ में डालकर घूम रहे हैं। यहां कांग्रेस की ओर से नगर निगम चुनाव प्रभारी सुखविंदर सुक्खू, पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने भी नुक्कड़ सभाएं कर हाथ को मजबूत करने की कोशिश की।
कई दिनों से धर्मशाला शहर से बाहर नहीं निकले नगर निगम चुनाव प्रभारी एवं वन मंत्री राकेश पठानिया हर वार्ड की रणनीति तय करते रहे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बेशक एक दिन के दौरे पर ही धर्मशाला आए हों, लेकिन मैक्लोडगंज, खनियारा व शामनगर में चुनावी जनसभाएं कर उन्होंने हर क्षेत्र के मतदाताओं को छूने का प्रयास किया। यहां प्रचार के आखिरी दिन पहुंचे केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने खनियारा व सिद्धपुर वार्डों में चुनावी जनसभाएं कीं। धर्मशाला में भाजपा के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने भी कुछ नुक्कड़ सभाओं के जरिये पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरा।
पालमपुर नगर निगम में पहली बार हो रहे चुनाव के लिए दोनों दल मेयर की कुर्सी पर नजर गढ़ाए बैठे हैं। मुख्यमंत्री जयराम तो यहां तक कह गए हैं कि सोलन, मंडी और पालमपुर में हमारा विधायक नहीं है लिहाजा यहां मेयर अपना होना चाहिए। यहां सभी 15 वार्डों पर भाजपा का ध्यान अधिक था। इसी वजह से चुनाव घोषित होने से करीब एक माह पहले ही पार्टी के कई बड़े चेहरे डेरा जमाए बैठे रहे। यहां राजपुर, खलेट व घुग्घर में चुनावी जनसभाएं करके मुख्यमंत्री जयराम अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने से नहीं चूके। वहीं विपक्ष ने सरकार को पानी पी पी कर कोसा। यहां कुछ वोट कटने की तोहमतें भी लगीं। स्थानीय विधायक आशीष बुटेल तो चुनाव की घोषणा से पहले ही हर जगह बैठकें कर चुके थे। हालांकि मंत्री बिक्रम ठाकुर को यहां भाजपा प्रभारी के रूप में उतारा गया था।
छोटी काशी में बड़ा दंगल
नगर निगम बनने के बाद पहली बार हो रहे मंडी नगर निगम के चुनाव पर हर किसी की नजरें लगी हुई हैं। इसी वजह से छोटी काशी के इस बड़े दंगल में दिग्गजों ने खूब पसीना बहाया। मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के कारण यह राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम की कर्मभूमि भी है। यहां भी पालमपुर की तरह 15 वार्ड हैं। यहां भाजपा के तीन मंत्रियों महेंद्र सिंह ठाकुर, गोविंद सिंह ठाकुर व डॉ. रामलाल मार्कंडेय पर दारोमदार रहा। खास बात यह रही कि अपने गृह जिला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सभी वार्डों में प्रचार किया। इसी बहाने उन्होंने पुराने दिनों को भी याद किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की भी इस जिले पर खास नजर रही। इसी बीच कांग्रेस नेता सुखराम के पुत्र व भाजपा विधायक अनिल शर्मा की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बीच दूरियों की खाई और गहरी हो गई। भाजपा में हर मान सम्मान पाने वाले वाले अनिल के सुर अब बदले नजर आए। हिविकां (हिमाचल विकास कांग्रेस) के दौर में पंडित सुखराम पर जान छिड़कने वाले मंत्री महेंद्र सिंह के तेवर भी अनिल के प्रति तल्ख दिखे। कौल सिंह की बेटी चंपा ठाकुर को विधायक अनिल शर्मा के बेटे द्वारा पिता की उपलब्धियां गिनाना नागवार गुजरा। कांग्रेस की आपसी छींटाकशी का असर ऐसा हुआ कि कौल सिंह ने मंडी नगर निगम की प्रचार समिति से पल्ला झाड़ लिया। उनका दर्द इस बात पर था कि टिकट के लिए जब कोई बात नहीं हुई तो अब कैसी जिम्मेदारी। बेशक मंडी में कौल सिंह, जीएस बाली और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कई तरह के जतन किए हों लेकिन यहां कांग्र्रेस की लड़ाई कांग्र्रेस से अधिक दिखी।
पर नहीं दिखे तीन मंत्री
शहरी निकायों की कमान संभालने वाले शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज इस चुनाव में नहीं दिखे। राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा रही। हालांकि बताया जा रहा है वे सचिवालय में ही व्यस्त रहे। इसी तरह पूर्व शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी की गैरमौजूदगी भी हर किसी की जुबां पर रही। मंत्री सरवीण चौधरी सिर्फ एक सभा में नजर आई थीं। सरवीण का विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला से सटा है ऐसे में उनका नदारद रहना चर्चा का विषय है। हालांकि मंत्री राजिंद्र गर्ग स्वस्थ न होने की वजह से चुनावी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।