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    Mining In Chakki Khad: माफिया की चक्की में पिस गई चक्की खड्ड, पेयजल योजनाएं भी दे गईं जवाब

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    Updated: Tue, 26 Jul 2022 09:00 AM (IST)

    Mining In Chakki Khad उपमंडल नूरपुर के कंडवाल क्षेत्र के तहत चक्की खड्ड का अस्तित्व कंडवाल से लेकर नक्की खन्नी झिकली खन्नी उपरली मैरा व बटराह में हो र ...और पढ़ें

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    उपमंडल नूरपुर के कंडवाल क्षेत्र के तहत चक्की खड्ड का अस्तित्व मिटने की कगार पर पहुंच गया है।

    जसूर, अश्वनी शर्मा। उपमंडल नूरपुर के कंडवाल क्षेत्र के तहत चक्की खड्ड का अस्तित्व कंडवाल से लेकर नक्की, खन्नी झिकली, खन्नी उपरली, मैरा व बटराह में हो रहे खनन के कारण मिटने की कगार पर पहुंच गया है। माफिया की चक्की में खड्ड पिस रही है। खनन के कारण चक्की को कई जगह भारी भरकम गड्ढों में तबदील कर दिया है। हालांकि खनन रोकने के लिए सरकार व प्रशासनिक अधिकारी दावे करते हैं पर हकीकत में कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। विभागीय नीति के अनुसार एक मीटर गहराई तक ही खनन किया जा सकता है। खनिज को लूटने की मंशा लिए माफिया रात के अंधेरे में खड्ड के दोनों किनारों की उपजाऊ भूमि को भी नोच चुका है और जो कुछ बची है उस पर भी नजर पड़ती जा रही है।

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    करीब एक दशक पूर्व इस खड्ड की हजार मीटर से ज्यादा चौड़ाई थी। किसी समय यह खड्ड कलकल करती हुई शान से बहती थी और इसके दोनों ओर हजारों कनाल उपजाऊ भूमि होती थी। किसान खड्ड के पानी से खेतों की सिंचाई कर फसलें पैदा करते थे लेकिन अब भूमि के बजाय यहां हिमाचल व पंजाब की क्रशर यूनिट ही दिखाई देती हैं। हालात ये हैं कि हिमाचल-पंजाब की सीमा का खामियाजा अब चक्की खड्ड भुगत रही है और इसे लूटने की लगातार होड़ लगी हुई है। खनन के कारण साथ लगती कई पेयजल योजनाएं भी दम तोड़ती जा रही हैं।

    सदियों से बह रही खड्ड पर बने रेलवे पुल के नजदीक चक्की की चौड़ाई महज 10 मीटर रह गई है। यहां खड्ड गहरे नाले का रूप धारण कर चुकी है और इसे मौत का कुआं भी कहा जा सकता है। पुल के आसपास बनी गहराई के कारण रेलवे पुल पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसी खतरे को देखते हुए रेलवे ने पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनों को बंद कर दिया है और इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।

    क्‍या कहते हैं अधिकारी व समाजसेवी

    • विभागीय की नीति के अनुसार मजदूरों के जरिये एक मीटर गहरा खनन किया जा सकता है। अवैज्ञानिक तरीके से 40 से 50 फीट बनी खाइयां दर्शाती हैं कि सरेआम नीति को ठेंगा दिखाया जा रहा है। इस कारण न केवल क्षेत्र का भूजल स्तर गिर चुका है, बल्कि अब रेलवे पुल पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसमें सरकार की नाकामी भी नजर आ रही है। -राजेश पठानिया, प्रदेश अध्यक्ष मानवधिकार लोक बाडी।
    • अवैध खनन पर विभाग की ओर से समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। पकड़े जाने पर लोगों को जुर्माना किया जाता है। विभागीय कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी। -जेके पुरी, खनन अधिकारी नूरपुर