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    पहाड़ की आबोहवा हुई और शुद्ध, इन छह नगरों के प्रदूषण में आई गिरावट, रोहतांग सबसे कम प्रदूषित

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Tue, 02 Mar 2021 08:16 AM (IST)

    Himachal Pollution Level हिमाचल की आबोहवा और शुद्ध हुई है। रोहतांग सबसे कम प्रदूषित आंका गया है। परवाणू बद्दी नालागढ़ ऊना काला अम्ब व सुंदरनगर के प्रदूषण में गिरावट आई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के शहरों औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण में लगातार सुधार हो रहा है।

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    हिमाचल की आबोहवा और शुद्ध हुई है।

    शिमला, रमेश सिंगटा। Himachal Pollution Level, हिमाचल प्रदेश की आबोहवा और शुद्ध हुई है। रोहतांग सबसे कम प्रदूषित आंका गया है। परवाणू, बद्दी, नालागढ़, ऊना, काला अम्ब व सुंदरनगर के प्रदूषण में गिरावट आई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एपीआइ) रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के शहरों, औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण में लगातार सुधार हो रहा है। गंदे इंधन के नाम से चर्चित पेट्रोलियम कोक का इस्तेमाल हिमाचल के उद्योगों में भी हो रहा है। लेकिन यहां परमिसेबल लिमिट में ही इनकी अनुमति दी गई है। इन उद्योगों से किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैला है। हालांकि सुप्रीमकोर्ट ने दिल्ली एनसीआर समेत कई राज्यों में 2017 में इसके इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। सुकून वाली बात यह कि प्रदेश में 40 उद्योगों में प्रदूषण रोकथाम से जुड़े कायदे- नियमों की पालना हो रही है।

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    पर्यावरण से जुड़े इस मसले पर देहरा के विधायक होशियार सिंह ने विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सवाल पूछे थे। प्रश्नकाल पर चर्चा की बारी नहीं आई, लेकिन इसके लिखित जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विस्तृत जानकारी दी। इनमें कहा गया कि प्रदूषण जांचने से संबंधित ताजा सैंपलिंग में पता चला है कि पेट्रोलियम कोक का उपयोग करने वाले उद्योग पर्यावरण सुरक्षा नियमों की पालना कर रहे हैं। ये शून्य से 02 किलोमीटर के रेडियस में परमिसेबज लिमिट में इस कोक का इस्तेमाल कर रहे हैं।

    क्या है पेट्रोलियम कोक

    पेट यानी पेट्रोलियम कोक, जिसे दुनिया का सबसे 'डर्टी फ्यूल' कहा जाता है। सबसे ज्यादा सल्फर वाला ईंधन है और फैक्ट्रियों में इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। अक्टूबर 2017 में जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर, यूपी और राजस्थान, हरियाणा में पेट कोक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद  2019 में एनजीटी ने भी इस संबंध में निर्देश जारी किए। लेकिन अभी तक अंतिम इंधन नीति घोषित नहीं हुई है।

    हिमाचल का एपीआइ इंडेक्स  

    • स्थान, 2018-19, 2019-20, 2020-21
    • शिमला, 72, 54, 38
    • परवाणू, 61, 61, 43
    • बद्दी, 144, 122, 108
    • नालागढ़, 132, 111, 83
    • डमटाल, 62, 49, 58
    • पांवटा, 86, 80, 74
    • काला  अम्ब, 102, 104, 75
    • ऊना, 65, 60, 48
    • सुंदरनगर, 80, 68, 61
    • मनाली, 69, 58, 29
    • धर्मशाला, 40, 37, 39
    • रोहतांग, 46, 38, 20 

    एपीआइ लेबल

    • बेहतर : 0-50
    • संतोषजनक : 51-100
    • मध्यम : 101-200
    • खराब:  201- 300
    • अत्यधिक खराब : 301-400
    • गंभीर:  401 से अधिक