रेणुका ने कांगड़ा में रखी थी सफलता की नींव, देश की पहली आवासीय महिला क्रिकेट अकादमी से 22 में से दो खिलाड़ी खेलीं इंडिया के लिए
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य रेणुका ठाकुर ने अपनी सफलता की नींव कांगड़ा में रखी। 12 साल की उम्र में उनका चयन देश की पहली आवासीय महिला क्रिकेट अकादमी में हुआ, जिसे एचपीसीए ने 2008-09 में शुरू किया था। इस अकादमी से सुषमा वर्मा जैसी खिलाड़ी भी निकलीं। 22 युवतियों में से दो ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया, जिससे हिमाचल में महिला क्रिकेट को बढ़ावा मिला।

रितेश ग्रोवर, कांगड़ा। भारतीय महिला क्रिकेट टीम को विश्व विजेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मध्यम तेज गति की मुख्य गेंदबाज रेणुका ठाकुर ने सफलता व परिश्रम के लिए पहली बार पसीना कांगड़ा मैदान में बहाया था। रेणुका ठाकुर के क्रिकेट करियर की शुरुआत 12 वर्ष की उम्र में हो गई थी जब उसका चयन भारत की पहली आवासीय महिला क्रिकेट अकादमी में हुआ।
यह अकादमी वर्ष 2008-09 में हिमांचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) की ओर से कांगड़ा में खोली गई थी। इसका पहला ट्रायल कांगड़ा के नगर परिषद मैदान में हुआ था। इस ट्रायल में कुल 22 युवतियों का चयन किया गया था।
कांगड़ा में शुरू हुई थी आवासीय अकादमी
वर्ष 2008-09 वह दौर था, जब बीसीसीआइ ने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए देशभर में महिला क्रिकेट प्रतियोगिताओं की शुरुआत की थी। तत्कालीन एचपीसीए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने हिमाचल में महिला क्रिकेट को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए आवासीय महिला क्रिकेट अकादमी शुरू करने का निर्णय लिया था।
देश की पहली आवासीय महिला क्रिकेट अकादमी कांगड़ा में खोली गई। इस अकादमी में सुषमा वर्मा का भी चयन हुआ था जो हिमाचल की पहली महिला क्रिकेटर थी।
22 युवतियों में से दो भारतीय टीम में पहुंची
अकादमी कांगड़ा में 2011 तक चली और उसके बाद एचपीसीए धर्मशाला में शिफ्ट कर दिया गया। इन्हें प्रशिक्षण देने का जिम्मा कोच पवन सेन को दिया गया था। रेणुका ठाकुर के साथ अकादमी की 22 युवतियों की पढ़ाई कांगड़ा के जीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई। 22 में से दो खिलाड़ी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर सकीं।
अनुराग ने इन्हें सौंपी थी जिम्मेदारी
हिमाचल के पूर्व रणजी खिलाड़ी एवं एचपीसीए के संयुक्त सचिव विशाल शर्मा, जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय शर्मा व पूर्व सचिव असीम अग्रवाल को अनुराग ठाकुर ने अकादमी को चलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
वर्ष 2008-09 के दौर में प्रदेश में महिला क्रिकेटर गिनी-चुनी थी। प्रदेश में महिला क्रिकेट को सशक्त करने के लिए अनुराग ठाकुर ने आवासीय महिला क्रिकेट अकादमी शुरू करवाई थी। यह सुखद परिणाम है कि आज महिला क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम में हिमाचल की ओर से खेलने वाली दो खिलाड़ी शामिल हैं।
-विशाल शर्मा, एचपीसीए संयुक्त सचिव।
कांगड़ा में देश की पहली आवासीय महिला क्रिकेट अकादमी खुलना प्रदेश क्रिकेट के लिए अच्छी शुरुआत थी और इसी अकादमी की बदौलत अब प्रदेश की महिला क्रिकेट खिलाड़ी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में शामिल हो रही हैं।
-असीम अग्रवाल, पूर्व सचिव।
विश्व कप विजेता महिला क्रिकेट टीम की सदस्य रेणुका ठाकुर को बधाई। इसका श्रेय अनुराग ठाकुर को जाया है जिनकी दूरदर्शी सोच के कारण प्रदेश के खिलाड़ी अब राष्ट्रीय स्तर पर अपना योगदान दे रहे है।
-विजय शर्मा, अध्यक्ष जिला क्रिकेट एसोसिएशन।
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