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    ECHS मंडी में सेना की जांच में निकला बड़ा घोटाला, फर्जी मरीज दाखिल दिखा बना दिए करोड़ों के बिल, निजी अस्पताल ब्लैकलिस्ट

    ECHS Mandi Scam ईसीएचएस मंडी में सेना की जांच में घोटाला सामने आया है। आठ महीने में 648 मरीजों को रेफर किया गया जिनमें से अधिकांश मल्होत्रा अस्पताल भेजे गए। अस्पताल प्रबंधन ने सात करोड़ रुपये के बिल दिए जिनमें साढ़े तीन करोड़ का भुगतान हो चुका है। जांच में पता चला कि कई मरीजों को फर्जी दाखिल दिखाया गया और महंगी दवाएं लिखी गईं।

    By Jagran News Edited By: Rajesh Kumar Sharma Updated: Wed, 20 Aug 2025 12:45 PM (IST)
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    ईसीएचएस में सेना की जांच में घोटाला सामने आया है।

    जागरण संवाददाता, मंडी। ECHS Mandi Scam, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के लिए बनाई गई एक्स-सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) में सेना की जांच में घोटाला सामने आया है। आठ माह में ईसीएच मंडी से 648 मरीजों को रेफर किया गया, जिनमें से अधिकांश नेरचौक स्थित मल्होत्रा अस्पताल भेजे गए। हालांकि मंडी शहर के तीन और अस्पताल भी योजना में नामांकित थे।

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    648 मरीजों की एवज में अस्पताल प्रबंधन ने करीब सात करोड़ रुपये के बिल दिए। इसमें साढ़े तीन करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। सेना की जांच में सामने आया है कि मल्होत्रा अस्पताल नेरचौक में कई मरीजों को फर्जी दाखिल दिखाया गया। मरीजों को न तो वास्तविक इलाज दिया गया और न ही आवश्यक सेवाएं।

    अस्पताल प्रबंधन ने कई मरीजों के नाम पर 70 से 80 हजार रुपये तक की महंगी दवाएं लिखीं। कार्ड को अपने पास रखकर अस्पताल ने मनमाने बिल बनाए व उन्हें ईसीएचएस के नाम पर पेश किया। मल्होत्रा अस्पताल को 16 दिसंबर 2022 को ईसीएचएस के साथ नामांकित किया गया था। मात्र 15 दिन बाद यानी दो जनवरी 2023 से मरीजों को रेफर करना शुरू किया गया। आठ माह में ही 648 मरीजों को यहां भेजा गया, जबकि अन्य नामांकित अस्पतालों को रेफरल बेहद सीमित रहे।

    कागजों में फर्जी तौर पर ही अस्पताल में भर्ती दिखाए मरीज

    सेना के अधिकारियों ने जब अस्पताल का औचक दौरा किया था तो यहां जो मरीज कागजों में भर्ती दिखाया गया था, वह भर्ती नहीं था। यहां मेडिसिन, सर्जरी, स्त्री व हड्डी रोग के मरीज रेफर किए जाते थे। एक मामला सामने आने के बाद शिकायतें लेकर कई पूर्व सैनिक व उनके आश्रित ईसीएच प्रबंधन के पास पहुंचने लगे। जब शिकायतें बढ़ी व जांच हुई तो अनियमितताएं सामने आई।

    सीबीआइ को सौंपा जा सकता है मामला

    अनियमितताओं पर अस्पताल को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। मामले की जांच विजिलेंस कर रहा था, लेकिन केंद्र सरकार के फंड का मामला बताकर जांच बंद कर दी गई। अब संभावना जताई जा रही है कि पूरा प्रकरण सीबीआइ को सौंपा जाएगा, ताकि व्यापक स्तर पर जांच हो सके।

    कुछ लोगों द्वारा हमारे विरुद्ध लगाए गए आरोप सही नहीं हैं। दिसंबर 2024 के बाद से हमारे ईसीएचएस से कोई लेना-देना नहीं है। 

    -डा नवदीप मल्होत्रा, संचालक मल्होत्रा अस्पताल।

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