हिमाचल: कृषि विभाग मनमर्जी के भाव बेच रहा गेहूं का बीज, कांगड़ा, मंडी व हमीरपुर में अलग-अलग दाम; वजन में भी भिन्नता
हिमाचल प्रदेश में कृषि विभाग द्वारा गेहूं के बीज की बिक्री में अनियमितता सामने आई है। कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर में बीज के दाम और वजन अलग-अलग हैं। किसानों ने इस मनमानी पर सवाल उठाए हैं और सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि कीमतों में एकरूपता लाई जा सके और वजन की गड़बड़ी को ठीक किया जा सके।

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में दिया जा रहा गेहूं का बीज और निदेशक की ओर से जारी पत्र।
मुकेश मेहरा, मंडी। हिमाचल प्रदेश में कृषि विभाग के विक्रय केंद्रों में मनमर्जी के दामों पर गेहूं का बीज व अन्य सामान बेचा जा रहा है। कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर सहित अन्य जिलों में अलग-अलग दाम पर बीज बेचा जा रहा है।
किसानों ने महंगा गेहूं मिलने पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद सरकार के ध्यान में मामला आने के बाद निदेशक ने पत्र जारी कर सरकारी दाम पर बीज बेचने और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
किसानों को 300 से 400 रुपये महंगा मिला बीज
आजकल रवि सीजन में गेहूं की बिजाई का समय है। पहले ही सरकारी केंद्रों पर बीज देरी से पहुंचा, लेकिन जब पहुंचा तो यह किसानों को पिछले वर्ष के मुकाबले 300 से 400 रुपये तक महंगा दिया गया।
विक्रय केंद्रों में मनमर्जी से लगाए दाम
हैरानी इस बात की कि विक्रय केंद्रों में मनमर्जी के दाम लगा दिए गए। मंडी में जहां 40 किलो की बोरी 1200 रुपये बिकी, वहीं कांगड़ा में 1220, हमीरपुर में 1300 रुपये साथ में लहुसन दिया जा रहा था।
सब्सिडी भी 10 प्रतिशत ही मिली
किसान भी पशोपेश में थे, कि पिछले वर्ष यह बोरी 850 से 900 रुपये तक थी। इस बार सब्सिडी भी 10 प्रतिशत ही मिली। इसके बावजूद बोरी का दाम 1200 से अधिक था। अलग-अलग केंद्रों में अलग-अलग दाम रास नहीं आ रहे। अब जब मामला उच्च अधिकारियों के पास पहुंचा तो निदेशक ने पत्र जारी कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
विभाग के निदेशक डीआर जसरोटिया ने बताया कि उनके ध्यान में मामला आया है तय दामों से अधिक कृषि सामान का दाम वसूला जा रहा है। सभी उपनिदेशकों को सरकारी दाम पर ही बीज व अन्य सामग्री बिकी यह सुनिश्चित करने को कहा है। लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
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