मणिमहेश यात्रा के दौरान हुई थी मौत, SDRF ने 35 किमी पैदल चलकर चार श्रद्धालुओं के शव पहुंचाए भरमौर
एसडीआरएफ के जवानों ने मणिमहेश यात्रा मार्ग पर परिक्रमा करते हुए मृत पाए गए चार श्रद्धालुओं के शवों को 35 किलोमीटर पैदल चलकर भरमौर पहुंचाया। उफनते नालों और दुर्गम रास्तों को पार करते हुए जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से इस चुनौतीपूर्ण कार्य को पूरा किया। इस दौरान तीन जवान बीमार भी हुए। स्थानीय प्रशासन ने एसडीआरएफ की इस साहसिक पहल की सराहना की।

जागरण संवाददाता, मंडी। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवानों ने शनिवार को मणिमहेश यात्रा मार्ग पर परिक्रमा के दौरान मृत पाए गए श्रद्धालुओं के चार शव भरमौर तक पहुंचाए। यह अभियान बेहद कठिन था, जवानों को एकतरफा 35 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा।
टीम को रास्ते में उफनते नाले, फिसलन भरी पगडंडियां और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों से गुजरना पड़ा। बावजूद इसके, जवानों ने जान जोखिम में डालकर श्रद्धालुओं के शव सुरक्षित स्थान तक पहुंचाए। इस पूरे अभियान में स्थानीय लोगों की भी अहम भूमिका रही।
एसडीआरएफ ने राहत कार्य को सुगम बनाने के लिए 40 स्थानीय लोगों की टीम बनाई थी, जिसने मुश्किल रास्तों में जवानों की मदद की। मणिमहेश यात्रा के दौरान इन चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इनके शव 30 और 31 अगस्त को परिक्रमा मार्ग में अलग-अलग स्थानों पर चिह्नित किए थे।
इसी मार्ग पर जवानों ने आठ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र व चंबा के आठ श्रद्धालुओं का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया था। पहली सितंबर को जवान परिक्रमा मार्ग से वापस हड़सर आए। यहां से सेटेलाइट फोन के जरिए उच्च अधिकारियों से संपर्क किया उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाया।
इसके बाद दो व तीन सितंबर को एसडीआरएफ के जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से नालों पर बह गए तीन लकड़ी के पुलों का नए सिरे से निर्माण किया। पैदल चलने के लिए रास्ते बनाए। इस अभियान के दौरान तीन जवान बीमार पड़ गए। उनकी जगह दूसरे जवानों को भेजा गया।
चार सितंबर से शवों को भरपौर पहुंचाने का अभियान शुरू हुआ। शुक्रवार को पूरे दल ने तीन शव भरमौर पहुंचाए थे। शनिवार को अंतिम शव भी भरमौर पहुंचाने के बाद एसडीआरएफ की टीम वापस लौटी। स्थानीय प्रशासन ने एसडीआरएफ की इस साहसिक और मानवीय पहल की सराहना की है।
हिमाचल प्रदेश SDRF के पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ने कहा कि परिक्रमा मार्ग पर चार शव चिह्नित हुए थे। जवानों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर विकट स्थिति में 35 किलोमीटर पैदल चल चारों शवों को भरमौर पहुंचाया है।
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