Mandi News: भेड़ खरीदार मामले में दोषी करार, चेक बाउंस मामले में कोर्ट का फैसला
मंडी न्यायालय ने भेड़ खरीदार नरोत्तम को चेक बाउंस मामले में दोषी पाया। शिकायतकर्ता गोविंद राम के अनुसार, नरोत्तम ने 1.5 लाख रुपये में भेड़ें खरीदीं, जिसमें 50,000 रुपये का चेक बाउंस हो गया। न्यायालय ने बचाव पक्ष के दावों को खारिज करते हुए, आरोपी को धारा 138 के तहत दोषी ठहराया और 100 रुपये का जुर्माना लगाया, जिसे उसने तुरंत भर दिया।

फाइल फोटो
जागरण संवाददाता,मंडी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंडी के न्यायालय ने भेड़ खरीदार को को परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 की धारा 138 के तहत दोषी ठहराया है। शिकायतकर्ता गोविंद राम ने आरोप लगाया था कि नरोत्तम ने 29 भेड़ें 1,50,000 रुपये में खरीदीं थीं, जिसमें 1,00,000 रुपये नकद दिए और शेष 50,000 रुपये के लिए चेक नंबर 702589 24 अगस्त 2020 जारी किया था, जो हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक कटौला शाखा पर आहरित था। चेक तय तिथि को अपर्याप्त धनराशि के कारण बाउंस हो गया था।
शिकायतकर्ता ने 23 सितंबर 2020 को पंजीकृत डाक से वैधानिक नोटिस भेजा, जो 26 सितंबर 2020 को प्राप्त हुआ, लेकिन भुगतान नहीं हुआ। न्यायालय में शिकायत छह नवंबर 2020 को दायर की गई थी। बचाव पक्ष ने दावा किया कि पूरी राशि नकद चुका दी गई और चेक सुरक्षा के लिए था, जिसका शिकायतकर्ता ने दुरुपयोग किया।
हालांकि कोई रसीद या गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया। न्यायालय ने धारा 118(क) और 139 की उपधारणा लागू की, जिसके तहत चेक हस्ताक्षर स्वीकार होने पर वैधानिक दायित्व माना जाता है। प्रतिवादी उपधारणा खंडन में असफल रहा। न्यायालय ने नोट किया कि नोटिस का उत्तर न देना और न्यायालय में आठ दिसंबर 2023 को 10,000 रुपये भुगतान प्रतिवादी के दावे के विरुद्ध जाता है।
सुरक्षा चेक का दावा भी अस्वीकार्य, क्योंकि कोई सबूत नहीं। दोषसिद्धि के बाद नरोत्तम ने 50,000 रुपये लौटा दिए। शिकायतकर्ता के अनुरोध पर न्यायालय ने उदारता दिखाई और जेल के बजाय मात्र 100 रुपये जुर्माना लगाया, जो दोषी ने जमा करवा दिया। मामला पांच वर्ष चला। साक्ष्य में शिकायतकर्ता का शपथपत्र, चेक, मेमो, नोटिस आदि शामिल प्रस्तुत किए। बचाव में कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।