शिमला: बारिश के प्रकोप से सेब के बगीचों में ड्रॉपिंग से बागवानों पर संकट, 40% फसल तबाही के कगार पर
शिमला जिले में सेब के बगीचों में ड्रॉपिंग की समस्या बढ़ गई है जिससे बागवान परेशान हैं। वर्षा के कारण तुड़ान में देरी हुई और नमी बढ़ने से सेब झड़ने लगे हैं। उच्च गुणवत्ता के सेब भी बी ग्रेड में बिक रहे हैं जिससे नुकसान हो रहा है। बागवानों को करीब 40 फीसदी सेब झड़ने का अनुमान है।

जागरण संवाददाता, शिमला। जिला में वर्षा से बागवानों को राहत मिली है, लेकिन अब ड्रॉपिंग से बागवान परेशान है। जिला में ज्यादातर बगीचों में सेब झड़ना शुरू हो गया है। इससे बागवानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वर्षा के कारण शिमला जिला में समय पर बागवान सेब का तुड़ान नहीं कर पाए थे।
ऐसे में 15 से 20 दिन तुड़ान टल गया था। इसके कारण बगीचों में सेब झड़ना शुरू हो गया है। बागवानों का कहना है कि बगीचों में वर्षा के कारण नमी काफी ज्यादा है। ज्यादा नमी भी सेब की ड्रॉपिंग का बहुत बड़ा कारण है।
सेब झड़ने से उच्च गुणवत्ता की किस्म का सेब भी बी ग्रेड के भाव में बिक रहा है। इससे बागवानों को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोटखाई के बागवान विनय ठाकुर, रवि ठाकुर और विकेश चौहान ने बताया कि बीते दिनों जिला में लगातार वर्षा के कारण वह समय पर सेब का तुड़ान नहीं कर पाए।
सड़कें बंद होने के कारण सेब तुड़ान को टालना पड़ा। वर्षा रुकने बाद कई बागवानों को अभी भी सड़कें खुलने का इंतजार है, तो वहीं ज्यादातर बागवानों ने सेब का तुड़ान शुरू कर दिया है।
जिन बागवानों का सेब सीजन लंबा चलता है। उन बागवानों को ड्रॉपिंग के कारण काफी परेशानी हो रही है। सेब सीजन समाप्त होने तक करीब 40 फीसदी सेब झड़ने का अनुमान है।
जिला में ज्यादात्तर क्षेत्रों में सेब तुड़ान में अब तेजी आ गई है। सड़कें खुलने से अब बागवान मंडियों तक सेब पहुंचा पा रहे है। इससे मंडियों में भी आवक बढ़ने लगी है। वहीं मंडियों में तेजी आने के कारण बागवान प्रयास कर रहे है कि जल्दी से जल्दी सेब को मंडियों तक पहुंचाया जा सके।
वहीं आढ़तियों का कहना है कि आने वाले दिनों में त्योहारी सीजन है। त्योहारी सीजन में फलों की डिमांड काफी ज्यादा रहती है। इससे अभी आने वाले दिनों में भी सेब के दाम स्थिर रहने की संभावना है।
इससे बागवानों को फायदा मिलने की संभावना है। वहीं जिला में सेब सीजन इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 15 से 30 दिन देरी तक चलने की भी संभावना जताई जा रही है।
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