हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने खेला 'SC कार्ड', सिरमौर के MLA विनय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पंचायत चुनाव में होगा फायदा?
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में बड़ा दांव खेलते हुए सिरमौर के विधायक विनय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से आने वाले विनय कुमार के सामने पंचायत चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने और भंग पड़ी कांग्रेस कमेटियों को एकजुट करने की चुनौती है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी उनके नाम पर सहमति जताई थी। अब देखना होगा कि विनय कुमार पार्टी को कितनी मजबूती दे पाते हैं।

विनय के समक्ष पंचायत चुनाव व संगठन को एकजुट करना बड़ी चुनौती (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष सिरमौर के विधायक विनय कुमार बनाए गए हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने एससी कार्ड खेल कर उनको कमान सौंपी है। अब उनके समक्ष पंचायत चुनाव में जीत दर्ज करवाना पहली चुनौती होगी।
हिमाचल में एक साल से प्रदेश व जिला कांग्रेस कमेटी भंग है। ऐसे में विनय के समक्ष उन्हें एकजुट कर पार्टी को मजबूत करना भी चुनौती रहेगी। हाई कमान ने कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की राय जानी थी, उन्होंने विनय के नाम पर सहमति जताई थी।
कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने छह नेताओं के नाम शॉर्टलिस्ट किए थे। इन छह नेताओं में से चार शिमला संसदीय क्षेत्र से थे। हिमाचल निर्माता डा. वाईएस परमार के बाद विनय सिरमौर जिला से कांग्रेस के दूसरे प्रदेश अध्यक्ष बने हैं।
शिमला संसदीय क्षेत्र से अध्यक्ष बनाया गया है। ऐसे में अब सरकार में समीकरण बदलना तय है। इसके साथ ही कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में भी कई नए चेहरे शामिल होंगे। सुक्खू की कैबिनेट में पांच मंत्री शिमला संसदीय क्षेत्र से हैं।
इनमें से तीन मंत्री शिमला जिला से हैं, जबकि एक सोलन और एक सिरमौर से हैं। इसी प्रकार, बोर्ड और निगम में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों पर भी शिमला संसदीय क्षेत्र से सबसे अधिक नेता हैं।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, ओएसडी रितेश कपरेट, वन निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, एपीएमसी शिमला-किन्नौर के अध्यक्ष देवानंद, हिमफेड अध्यक्ष महेश्वर चौहान, हिमुडा उपाध्यक्ष यशवंत छाज्टा, और सीएम के दिल्ली में ओएसडी भी रोहडू से हैं।
हाल ही में सिरमौर जिले के पांवटा साहिब निवासी मोहम्मद नासिर रावत को वक्फ बोर्ड का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है। शिमला जिला से प्रतिनिधित्व की बात करें, तो रामपुर से विधायक नंदलाल को भी कैबिनेट रैंक मिला है, हालांकि रामपुर विस मंडी संसदीय क्षेत्र में आता है। शिमला जिला से बोर्ड और निगमों में निदेशकों की लंबी सूची है।
संगठन सूत्रों के अनुसार, क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बनाने के लिए राज्य सरकार शिमला संसदीय क्षेत्र से एक मंत्री को ड्राप कर सकती है। चर्चा है कि स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल को भी कैबिनेट से ड्राप किया जा सकता है, वह अगला विधानसभा चुनाव अपने बेटे को लड़ाने की योजना बना रहे हैं।

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