शिमला को दिल्ली से जोड़ने वाली हवाई सेवा बंद, हिमाचल की राजधानी के लिए अब कोई फ्लाइट नहीं, 3 साल बाद क्यों लगी ब्रेक?
शिमला को दिल्ली से जोड़ने वाली एकमात्र हवाई सेवा 1 नवंबर से बंद हो गई है। अलायंस एयर द्वारा संचालित यह सेवा तीन साल पूरे होने पर समाप्त हो गई। हिमाचल प्रदेश अब देश का एकमात्र राज्य है जिसकी राजधानी में कोई हवाई सेवा नहीं है। सरकार इस सेवा को फिर से शुरू करने के लिए कदम उठा रही है, जिसके लिए पहले सब्सिडी भी दी जाती थी।

शिमला से दिल्ली व धर्मशाला हवाई सेवा बंद हो गई है। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। शिमला से दिल्ली को जोड़ने वाली एकमात्र हवाई सेवा बंद हो गई है। प्रतिदिन सुबह दिल्ली से शिमला आने वाली उड़ान आगे धर्मशाला जाती थी और वहां से लौटती थी। शिमला को दिल्ली से जोड़ने वाली एकमात्र हवाई सेवा पहली नवंबर से बंद हो गई है। अलायंस एयर की ओर से इस हवाई सेवा का संचालन किया जा रहा था।
25 सितंबर को तीन साल की अवधि पूरी होने पर दिल्ली-शिमला हवाई सेवा बंद हो चुकी है। इसके साथ ही आगे प्रदेश में शिमला से धर्मशाला के लिए होने वाली हवाई उड़ान भी स्वत: बंद हो गई है।
हिमाचल की राजधानी के लिए अब कोई हवाई सेवा नहीं
हिमाचल प्रदेश की राजधानी के लिए अब एक भी हवाई सेवा नहीं है। तीन साल पहले प्रदेश सरकार ने हवाई सेवा के लिए अलायंस एयर कंपनी के साथ एमओयू किया था। उड़ान योजना के तहत संचालित हो रही हवाई योजना को निकट भविष्य में शुरू करने के लिए अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से अलायंस एयर के साथ कोई बातचीत नहीं की गई है।
प्रति सीट के आधार पर सबसिडी की व्यवस्था थी
इस हवाई सेवा में प्रति सीट और दैनिक उड़ान के आधार पर सबसिडी का निर्धारण होता था। दिल्ली से शिमला के लिए हवाई जहाज में 23 सीटें सब्सिडी वाली होती थी और शिमला से दिल्ली लौटते हुए सब्सिडी वाली सीटों की संख्या 13 थी।
48 सीटर विमान में बैठाई जाती थीं 23 सवारियां
सामान्य तौर पर 48 सीटर एटीआर-42-600 में दिल्ली से शिमला आने वाले यात्रियों की संख्या 26 रहती थी और वापसी में सवारियों की संख्या 21 या 23 रखी जाती थी। ऐसा इसलिए था कि हवा के अधिक दबाव के कारण ऐसी व्यवस्था की गई थी। इस हवाई सेवा में कभी भी 10 या इससे अधिक लोगों ने एक साथ सफर नहीं किया।
50 से 60 लाख सब्सिडी देती थी सरकार
दिल्ली से शिमला और वापसी उड़ान के लिए प्रदेश सरकार को मासिक 50-60 लाख रुपये सब्सिडी का भुगतान करना पड़ता था।
कुल्लू की सेवा बंद करके धर्मशाला चलाई
2023 से पहले हवाई जहाज की उड़ान सप्ताह में चार दिन कुल्लू के लिए होती थी और शेष तीन दिनों के लिए धर्मशाला। लेकिन सरकार ने मंत्रिमंडल बैठक में कुल्लू की हवाई उड़ानों को बंद कर सप्ताह के सभी दिन धर्मशाला के लिए उड़ान शुरू की। पहले दोनों स्थानों के लिए होने वाली हवाई उड़ान पर होने वाला कुल खर्च 10-11 करोड़ था। उसके बाद धर्मशाला के लिए होने वाली हवाई उड़ान पर ही इतना खर्च राज्य सरकार को हर साल उठाना पड़ रहा था।
दिल्ली-शिमला हवाई उड़ान सेवा बंद हुई है। इसे फिर से शुरू करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। शीघ्र ही दिल्ली से शिमला हवाई सेवा शुरू होगी।
-विवेक भाटिया, निदेशक, राज्य पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग।
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