Shimla News: शिक्षा मंत्री ने टिक्कर में आपदा से हुए नुकसान का लिया जायजा, बोले- संकट में जनता के साथ खड़ी है सरकार
शिक्षा मंत्री ने जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र में भारी वर्षा से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने नावर क्षेत्र के ग्रामीणों से मुलाकात कर सहायता का आश्वासन दिया। 37 में से 36 सड़कें बहाल कर दी गई हैं। 51 घरों और सेब के पौधों को नुकसान पहुंचा है। सेब का विपणन प्राथमिकता है 1 करोड़ 60 लाख पेटियां मंडियों में पहुंच चुकी हैं। सरकार आपदा में जनता के साथ खड़ी है।

संवाद सूत्र, जुब्बल (शिमला)। शिक्षा मंत्री ने शुक्रवार को जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उप तहसील टिक्कर में मौजूद रहे। उन्होंने भारी वर्षा के कारण सड़कों और अन्य आधारभूत ढांचे को हुए नुकसान का जायजा लिया।
इस दौरान नावर क्षेत्र की अलग-अलग पंचायतों से आए ग्रामीणों से मुलाकात की और आपदा के कारण हुए जान और संपति के नुकसान पर चर्चा की व प्रभावितों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों से वह अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं।
नावर क्षेत्र की बाधित 37 में से 36 सड़कें बहाल
नावर क्षेत्र में रोहित ठाकुर ने बताया कि उप मण्डल टिक्कर के अंतर्गत कुल 37 सड़कों में से 36 सड़कों को खोल दिया गया है और बाकी बची 1 सड़क को भी शुक्रवार को बहाल कर दिया जायेगा। 51 घरों को आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। रिहायशी इलाकों के आसपास कुल 71 सुरक्षा दीवारों को नुकसान पहुंचा है 3 गौशाला, 2 मज़दूरों के आवास, 2 दुकानों और 900 सेब के पौधों को क्षति पहुंची है। विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें नियमानुसार समुचित कार्यवाही के निर्देश भी दिये।
सेब का विपणन सबसे बड़ी प्राथमिकता
शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस समय की परिस्थिति में उनकी सबसे प्राथमिकता बागवानों की सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचना है। लोगों आजीविका का मुख्य स्त्रोत है। सरकार ने मंडी मध्यस्ता योजना के अंतर्गत उप तहसील टिक्कर के 16 केंद्रों में सक्रिय रूप से सेब ख़रीदा जा रहा है। सेब की 1 करोड़ 60 लाख पेटीयां मंडियो मे पहुंच चुकी हैं और 60 प्रतिशत सेब सीज़न पूरा हो चुका है।
सरकार हर प्रकार की स्थिति में प्रदेश की जनता के साथ खड़ी
रोहित ठाकुर ने बताया कि सरकार हर प्रकार की स्थिति में प्रदेश की जनता के साथ खड़ी हैं और यह राहत राशि पूरे भारत में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से मौसम में अवांछनीय और अप्रत्याशित परिवर्तन हुए हैं जिसके कारण
हर वर्ष प्राकृतिक आपदाएं अधिक नुकसान पहुंचा रहीं हैं। हिमाचल ने भी 2023 और वर्ष 2025 में बरसात के मौसम के दौरान अत्यधिक आपदा का सामना किया है । जिसके कारण जान-माल और आधारभूत सुविधाओं का नुकसान उठाना पड़ा है।
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