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    हिमाचल कांग्रेस एक साल से बिना संगठन, दिल्ली तक हुई कई बैठकें रही बेनतीजा; पंचायत चुनाव से पहले क्या है तैयारी?

    By Anil Thakur Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Wed, 05 Nov 2025 04:34 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी एक साल से बिना कार्यकारिणी के है, जिससे संगठनात्मक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। प्रदेश कार्यकारिणी के गठन को लेकर दिल्ली से शिमला तक कई बैठकें हुईं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। पंचायत चुनाव नजदीक आने के साथ, मंत्रियों ने अब खुद मोर्चा संभाल लिया है और वे जनता के बीच सरकार की नीतियों का प्रचार कर रहे हैं।

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    हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी एक साल से बिना कार्यकारिणी के है। छह नवंबर 2024 को कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी, जिला व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को भंग किया था। अकेले प्रतिभा सिंह ही पद पर बनी हुई हैं। 

    इस एक साल के भीतर प्रदेश कार्यकारिणी के गठन को लेकर दिल्ली से लेकर शिमला तक कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। बैठकों का नतीजा शून्य ही रहा है। हर बैठक में नई चर्चा सामने आई है। 

    कभी कार्यकारी अध्यक्ष तो कभी संगठनात्मक ब्लॉक व जिला बनाने का मामला सामने आया। पार्टी प्रदेश मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल, हाईकमान की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंप चुके हैं।

    यहां तक की राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी भी इस सिलसिले में बैठक कर चुके हैं, लेकिन नतीजा इसका भी शून्य ही रहा है। कभी प्राकृतिक आपदा तो कभी चुनाव का तर्क देकर कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया को आगे टालने का ही कार्य होता रहा है।

    यह पहला मौका है, जब इतने लंबे समय से संगठन का गठन नहीं किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि वह पार्टी शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि हाईकमान जिसे भी अध्यक्ष बनाए, उनका पूरा समर्थन उसके साथ होगा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी कह चुकी हैं कि हाईकमान हर चीज से अवगत है। निर्णय उन्हीं को लेना है।

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    पंचायत चुनाव से पहले मंत्रियों ने संभाला मोर्चा 

    पंचायत चुनाव की आहट शुरू हो गई है। संगठन न होने के चलते अब मंत्रियों ने खुद जिम्मा संभाल लिया है। वे खुद फील्ड में उतर गए हैं। वहीं विधायक भी अपने अपने विस क्षेत्रों में मुख्यमंत्री व मंत्रियों के कार्यक्रम करवा रहे हैं। इसका मकसद जनता के बीच पकड़ मजबूत करना व सरकार की नीतियों को उनके बीच पहुंचाना है।

    शुक्रवार का दिन कार्यकर्ताओं से मिलने का, विकास चर्चा प्रभारियों ने संभाला है मोर्चा

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हर शुक्रवार को राज्य सचिवालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते हैं। शुक्रवार का दिन इसके लिए सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा ओक ओवर व जिलों के दौरों के दौरान भी मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते हैं व उनकी समस्याओं को सुनते हैं। विकास चर्चा प्रभारियों की तैनाती की गई है। ये प्रदेश में सरकार की नीतियों का प्रचार प्रसार करते हैं।

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    कांग्रेस मुख्यालय में नहीं बैठते मंत्री

    मुख्यमंत्री ने सभी कैबिनेट मंत्रियों को आदेश दिए थे कि वह महीने में कम से कम एक बार कांग्रेस मुख्यालय में बैठे। ताकी लोग व कार्यकर्ता अपनी समस्याओं को लेकर उनसे मिल सकें। सचिवालय में मुलाकात के लिए पास बनाने की औपचारिकता रहती है। जबकि पार्टी मुख्यालय में ऐसी कोई औपचारिकता नहीं है। लेकिन मंत्री कांग्रेस मुख्यालय में बैठते ही नहीं। पार्टी यह कार्यक्रम तय करती थी। पार्टी की ओर से कार्यक्रम तैयार ही नहीं किया जाता, जिसके चलते मंत्री भी यहां नहीं आ रहे हैं।