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    Himachal Disaster: 370 की मौत... 434 लोग घायल और 615 सड़कें बंद, हिमाचल में थम नहीं रहा कुदरत का कहर

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 09:50 AM (IST)

    शिमला में भारी बारिश बाढ़ और भूस्खलन के कारण हिमाचल प्रदेश में हालात गंभीर हैं। 20 जून से अब तक 370 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें भूस्खलन बाढ़ और डूबने से हुई मौतें शामिल हैं। सड़क दुर्घटनाओं में 165 लोगों की मौत हुई है। राज्य में 434 लोग घायल हुए हैं और 1480 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।

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    हिमाचल में 370 की मौत और 434 लोग घायल और 615 सड़कें बंद (जागरण फोटो)

    डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश में बारिश फिर बाढ़ और भूस्खलन ने प्रदेश में हालात खराब किए हुए हैं। हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी मानसून ने 20 जून से अब तक 370 लोगों की जान ले ली है।

    इनमें भूस्खलन, अचानक बाढ़, डूबने, बिजली गिरने और अन्य मौसम संबंधी दुर्घटनाओं शामिल हैं। वहीं, इन्हीं आंकड़ों में सड़क दुर्घटनाओं में 165 लोगों की मौत हुई है।

    राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने मंगलवार को बताया कि राज्य में 434 लोग घायल हुए हैं और 1,480 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। 484 पूरी तरह से मकान क्षतिग्रस्त हुए और 720 आंशिक रूप से तबाह हुए हैं। इसके साथ ही साथ ही कृषि, बागवानी और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान हुआ है।

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    सबसे ज्यादा मंडी में हुई मौत

    बारिश से संबंधित त्रासदियां मंडी (37 मौतें), कुल्लू (26), कांगड़ा (32) और चंबा (21) जैसे ज़िलों में ज़्यादा रहीं, जो अक्सर भूस्खलन, अचानक बाढ़ और डूबने की घटनाओं के कारण हुईं। चंबा (22 मौतें), मंडी (24) और कांगड़ा (19) में सड़क दुर्घटनाएँ सबसे ज़्यादा घातक रहीं।

    सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है, जिससे 4,12,246.97 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं को हुआ नुकसान शामिल है।

    अकेले कृषि और बागवानी को कुल मिलाकर 3,77,000 लाख रुपये से ज़्यादा का नुकसान हुआ है, जिससे हजारों किसानों की आजीविका चौपट हो गई है।

    एसडीएमए की रिपोर्ट बताती है कि संपत्ति के नुकसान के मामले में सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िले मंडी, कांगड़ा, कुल्लू और ऊना हैं, जहां कई क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है।

    अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि लगातार बारिश के कारण मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है और राज्य भर में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य में बाधा आ सकती है।

    राहत कार्य जारी हैं, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय एजेंसियां ​​प्रभावित इलाकों में संपर्क, बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने के लिए काम कर रही हैं।

    615 सड़कें बंद

    हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा रहा है, जहां चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 615 सड़कें अवरुद्ध हैं। 1,748 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर (डीटीआर) बाधित हैं।  

    कुल्लू, मंडी, शिमला और चंबा जिले सड़क अवरोधों से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। अकेले कुल्लू में 220 से ज़्यादा सड़कें अवरुद्ध हैं, जिनमें NH-03 और NH-305 के हिस्से शामिल हैं।

    बिजली की समस्या सबसे ज़्यादा कुल्लू में है, जहां 1,512 डीटीआर बाधित हैं, इसके बाद कांगड़ा में 176 और मंडी में 66 डीटीआर बाधित हैं। जलापूर्ति में व्यवधान शिमला (120 योजनाएं), कुल्लू (63 योजनाएं) और मंडी (57 योजनाएं) में भी केंद्रित है।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ)