हिमाचल प्रदेश के किसानों को सरकार का झटका, गेहूं बीज पर मिलने वाली सब्सिडी में की कटौती
हिमाचल प्रदेश सरकार ने गेहूं के बीज पर मिलने वाली सब्सिडी में कटौती की है। बजट की कमी को इसका कारण बताया गया है। किसानों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है और सब्सिडी बहाल करने की मांग की है, चेतावनी दी है कि मांग पूरी न होने पर आंदोलन करेंगे।

हिमाचल प्रदेश में गेहूं के बीज पर मिलने वाली सब्सिडी में कटौती की है। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने गेहूं की बिजाई से पहले किसानों को बड़ा झटका दिया है। रबी के सीजन में किसानों को गेहूं के बीज पर मिलने वाली सब्सिडी घटा दी है। गेहूं पर मिलने वाली सब्सिडी को पांच रुपये प्रति किलो कम कर दिया है।
बीते वर्ष गेहूं के बीज पर 15 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी दी जा रही थी। अब 10 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
जिलों में भेजा 85 हजार क्विंटल बीज
कृषि विभाग ने सभी जिलों के लिए 85 हजार क्विंटल गेहूं का बीज उपलब्ध करवाया है। पहले विभिन्न जिलों में गेहूं के बीज के दाम पर भी विवाद चल रहा था। विभिन्न जिलों में इसके अलग-अलग दाम वसूल किए जा रहे थे।
दैनिक जागरण की ओर से मामला उठाए जाने के बाद विभाग ने संज्ञान लिया और एक बराबर रेट वसूल करने के निर्देश जारी किए।
225 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है गेहूं की खेती
प्रदेश में 225 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की खेती होती है। ज्यादातर किसान कृषि विक्रय केंद्रों से बीज लेते हैं। गेहूं की बुआई प्रदेश में सबसे अधिक ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर, शिमला, हमीरपुर आदि जिलों में की जाती है।
गेहूं सहित नगदी फसलों की ओर भी किसानों का रुझान
प्रदेश में मक्की की अपेक्षा गेहूं की खेती ज्यादा तादाद में की जा रही है। हालांकि फसलों के विविधिकरण के तहत नगदी फसलों को किसान ज्यादा तादाद में लगा रहे हैं। जिसमें सब्जियों की खेती अधिक मात्रा में लगाई जा रही है।

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