हिमाचल में लड़कियों की उच्च शिक्षा का खर्च भी उठाएगी सरकार, सीएम सुक्खू ने शिमला बालिका आश्रम में किया एलान
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के बालिका आश्रम में दीपावली मनाई और बालिकाओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के बारे में बताया, जिसके तहत सरकार अनाथ बच्चों की शिक्षा और देखभाल का खर्च उठाएगी। 12वीं के बाद उच्च शिक्षा, हॉस्टल और कपड़ों का खर्च भी सरकार देगी। विवाह के लिए दो लाख रुपये की सहायता भी प्रदान की जाएगी।

शिमला बालिका आश्रम में कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व अन्य। सौजन्य डीपीआरओ
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गत रोज शिमला के समीप बालिका आश्रम का दौरा कर वहां रह रहे बच्चों के साथ दीपावली मनाई। उन्होंने आश्रम की बालिकाओं को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दीं और उनके सुखमय एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री ने बालिकाओं को मिठाई और उपहार भी वितरित किए। सुक्खू ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों कर शिक्षा और देखभाल के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत 27 वर्ष की आयु पूरा होने तक इन बच्चों की पढ़ाई समेत अन्य सभी खर्चाें को एक अभिभावक के रूप में सरकार पूरा कर रही है।
ये बच्चे हमारे समाज का हिस्सा हैं और प्रदेश के संसाधनों पर उनका पूरा अधिकार है इसलिए उनके लिए यह योजना लाकर सरकार ने कोई अहसान नहीं किया हैं। 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरा होने के बाद भी सरकार इन बच्चों की उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा का पूरा खर्च उठाएगी।
हॉस्टल फीस और कपड़ों का खर्च भी देगी सरकार
उनकी फीस के साथ-साथ हाॅस्टल व वस्त्र का खर्च सरकार वहन करेगी तथा उन्हें 4 हजार रुपये हर माह भत्ते के रूप में भी प्रदान किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि अपने माता-पिता को खोने वाले ये बच्चे आत्मनिर्भर बन सकें और आत्मसम्मान के साथ अपना जीवन व्यतीत करें। आश्रम की बालिकाओं को देश भ्रमण का अवसर भी प्रदान किया जा रहा है।
16 बालिकाओं को कुछ समय पूर्व भ्रमण पर भेजा गया था और अब अन्य बालिकाओं को भेजा जाएगा ताकि भ्रमण के साथ-साथ उनके ज्ञान और आत्मविश्वास की वृद्धि हो सके।
विवाह के लिए दो लाख का प्रविधान
ऐसे बच्चों के विवाह के लिए राज्य सरकार ने दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया है। इसके अलावा, जिनके पास अपनी जमीन है लेकिन मकान नहीं है, उन्हें भी तीन लाख रुपये की मदद देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इन बच्चों को और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
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