हिमाचल हाई कोर्ट ने कांगड़ा सहकारी बैंक में पदोन्नति के लिए डीपीसी करने की दी अनुमति, पहले 31 दिसंबर तक लगा दी थी रोक
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक को ग्रेड-चार से तीन में पदोन्नति के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की कार्यवाही की अनुमति ...और पढ़ें

कांगड़ा सहकारी बैंक में पदोन्नति को अनुमति मिल गई है। प्रतीकात्मक फोटो
विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (केसीसीबी) को ग्रेड-चार से तीन में पदोन्नति के लिए नई विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की कार्यवाही करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने 31 दिसंबर तक कोर्ट की अनुमति के बिना नई डीपीसी के आयोजन पर रोक लगा दी थी।
कोर्ट ने रोक लगाते समय प्रतिवादी बैंक को प्रबंध निदेशक के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी कर यह भी पूछा था कि हाई कोर्ट द्वारा डीपीसी को अंतिम रूप देने से जुड़े निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए क्यों न उसके विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
सुनवाई के दौरान बैंक की ओर से कोर्ट को बताया था कि डीपीसी की कार्यवाही पर बैंक के अध्यक्ष द्वारा अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। इस पर न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने कहा था कि रिट याचिका में 25 नवंबर 2024, 20 दिसंबर 2024, 26 दिसंबर 2024 और 30 दिसंबर 2024 को पारित विशिष्ट आदेशों के बावजूद डीपीसी कार्यवाही पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि डीपीसी कार्यवाही सात दिसंबर 2024 को बुलाई गई थी। 23 दिसंबर 2024 को निदेशक मंडल के समक्ष अनुमोदन के लिए रखी गई थी और उसी दिन निदेशक मंडल द्वारा इसे अनुमोदित किया गया था, लेकिन प्रतिवादियों की निष्क्रियता के कारण इसका अंतिम रूप लंबित है।
प्रथम दृष्टया प्रतिवादी-बैंक की ओर से गलती
कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया था कि इस मामले में हुई डीपीसी की कार्यवाही को कैलेंडर वर्ष की समाप्ति के कारण समाप्त नहीं माना जाएगा, इन्हें सक्रिय माना जाएगा। इन्हें अंतिम रूप न देने में प्रथम दृष्टया प्रतिवादी-बैंक की ओर से गलती है।
बैंक के आवेदन पर रोक हटी
मामले की सुनवाई नौ जनवरी 2025 को निर्धारित की गई थी। इस दौरान बैंक ने पुरानी डीपीसी के आधार पर पदोन्नतियों को स्वीकृत किया और कई लोगों ने पदोन्नत पद पर तैनाती भी दे दी। इसके बावजूद हाई कोर्ट द्वारा नई डीपीसी आयोजित करने पर रोक लगी रह गई थी जिसे बैंक के आवेदन पर हटा लिया है।

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