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    हिमाचल में दीवाली के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट होगी तेज, 3 पदों पर नियुक्ति की बन रही संभावना

    By Parkash Bhardwaj Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sun, 19 Oct 2025 05:56 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में दिवाली के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना बढ़ गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तीन खाली पदों को भरने की तैयारी में हैं। पार्टी आलाकमान से चर्चा के बाद विस्तार की उम्मीद है, जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह है और सरकार की कार्यप्रणाली में सुधार की संभावना है।

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    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव

    प्रकाश भारद्वाज, शिमला। हिमाचल कांग्रेस के नए अध्यक्ष की ताजपोशी के बीच मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है। नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी संकेत दिए हैं कि पंद्रह दिन के अंदर निर्णय हो जाएगा। 

    मंत्रिमंडल में एक पद पहले से रिक्त है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं। रोहित को अध्यक्ष बनाया जाता है तो दो मंत्री पद रिक्त हो जाएंगे। एक मंत्री को हटाए जाने की भी चर्चा है।

    ऐसे में तीन नए मंत्री बन सकते हैं और मंत्रियों के विभागों में बदलाव भी हो सकता है। इस तरह की राजनीतिक परिस्थिति में मंत्रिमंडल विस्तार होने की प्रबल संभावना है।

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    अंतिम दो वर्ष में नया उत्साह चाहती है सरकार

    सत्ता में सरकार का तीन साल का कार्यकाल दिसंबर में पूरा होने जा रहा है और सत्तारुढ़ कांग्रेस चाहेगी कि शेष दो वर्ष में नए उत्साह के साथ प्रदेश की जनता के पास जाने का रास्ता बनाया जाए। 
    हाल ही में मुख्यमंत्री सुक्खू ने सात लक्ष्यों का निर्धारण किया है, जिसमें शिक्षा व स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। इन दोनों विभागों की लगातार स्वयं मुख्यमंत्री समीक्षा करते रहते हैं। 

    रोहित के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर ही बन रही संभावना

    प्रदेश सरकार में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की स्थिति में ही मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना बनती है। उस स्थिति में मंत्रिमंडल में दो पद रिक्त होंगे। जिस तरह से कर्नल धनीराम शांडिल बेटे को सक्रिय राजनीति में लाने की शर्त में मंत्री पद छोड़ने की इच्छा कांग्रेस आलाकमान के समक्ष जता चुके हैं। 

    शांडिल के बेटे को निगम या बोर्ड अध्यक्ष नियुक्त करने की चर्चा

    धनीराम शांडिल के बेटे को निगम-बोर्ड में अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की चर्चा रही है। उस सूरत में मंत्रियों के तीन पदों पर नियुक्तियां होंगी। कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति कहती है कि शिमला संसदीय क्षेत्र को प्रमुखता में रखा जाए।

    इसके पीछे कारण ये है कि इस क्षेत्र के तीनों जिले कमोबेश कांग्रेस के साथ चलते रहे हैं। पिछले चुनावों में भी शिमला संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस को अपेक्षाकृत निराश नहीं किया है। 

    कुलदीप सिंह पठानिया के मंत्रिमंडल में आने पर संजय रत्न हो सकते हैं अध्यक्ष


    यदि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाता है तो उस स्थिति में संजय रत्न विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजते हैं और कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से एक और मंत्री बनता है। वर्तमान में कांगड़ा संसदीय सीट से चंद्र कुमार, यादवेंद्र गोमा कैबिनेट मंत्री हैं। आरएस बाली कैबिनेट रैंक प्राप्त हैं। संजय रत्न कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं और ऐसे में संतुलन बनता है।

    मंडी संसदीय क्षेत्र को स्थान मिलेगा

    मंत्रिमंडल विस्तार होने की स्थिति में मंडी संसदीय क्षेत्र को सरकार में स्थान मिलने की अधिक संभावना बनती है। कुल्लू जिला से संबंध रखने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुंदर ठाकुर का नाम मंत्री बनने के मामले में चर्चा में है। इसके अतिरिक्त मंडी जिला से एकमात्र कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर को मुख्य सचेतक पद मिल सकता है। वर्तमान में केवल सिंह पठानिया उप-मुख्य सचेतक हैं। 

    शिमला संसदीय सीट को एक मंत्री पद मिलना संभावित

    यदि कर्नल धनीराम शांडिल स्वेच्छा से मंत्रिमंडल छोड़ते हैं तो ऐसी स्थिति में अर्की विधानसभा सीट से विधायक संजय अवस्थी को मंत्री पद मिल सकता है। इसके पीछे तर्क ये दिया जाता है कि जातिगत समीकरण के तहत हमीरपुर जिला के भोरंज विधानसभा सीट से संबंध रखने वाले सुरेश कुमार मुख्यमंत्री के गृह जिला से हैं।

    जातीय समीकरणों को देखा जाए तो सिरमौर जिला के रेणुका विधानसभा क्षेत्र से विनय कुमार विधानसभा उपाध्यक्ष हैं और कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान के साथ लगते विधानसभा क्षेत्र से हैं।

    यदि शिमला जिला की बात की जाए तो रामपुर सीट से वरिष्ठ कांग्रेस विधायक नंदलाल पहले से राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष के नाते कैबिनेट दर्जा प्राप्त हैं। इसलिए अनुसूचित जाति का कोटा अधिक प्रभावित नहीं होगा।

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