मौत की ओर से ले जा रही सीरिंज से नशे की लत, हेपेटाइटिस-सी का शिकार हो रहे युवा, हिमाचल में चौकाने वाले आंकड़े आए सामने
Hepatitis-C Case In Himachal हिमाचल प्रदेश में नशीली दवाओं के सेवन से युवाओं में हेपेटाइटिस-सी के मामले बढ़ रहे हैं। 15 से 30 वर्ष के सैकड़ों किशोर और युवा हेपेटाइटिस-सी का उपचार करवा रहे हैं जिसका मुख्य कारण चिट्टे जैसे नशों के लिए एक ही सिरिंज का उपयोग करना है।

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। Hepatitis-C Case In Himachal, देवभूमि हिमाचल की युवा पीढ़ी को चिट्टे सहित अन्य नशों की लत हेपेटाइटिस-सी का शिकार बना रही है। चिट्टे की लत के लिए एक ही सीरिंज का उपयोग हेपेटाइटिस-सी के मामलों को बढ़ा रहा है। प्रदेश में 15 से 30 वर्ष के लगभग 1200 किशोर व युवा जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं हेपेटाइटिस-सी का उपचार ले रहे हैं।
आठ से 10 मामले हर माह आ रहे सामने
हेपेटाइटिस-सी के एक माह के दौरान सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाणा और मेडिकल कालेज टांडा में आठ से 10 मामले आ रहे हैं। नशे की लत पैसों की बर्बादी के साथ बीमारी की चपेट में ले रही है।
चिट्टा व अन्य नशों के कारण बढ़े मामले
विशेषज्ञों की मानें तो चिट्टे और दूसरे नशों के कारण हेपेटाइटिस-सी के मामलों में वृद्धि हुई है। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) के गेस्ट्रोएंटरोलाजी विभाग में हेपेटाइटिस-सी के 15 से 30 वर्ष के युवाओं का उपचार चल रहा है।
देर से चलता है हेपेटाइटिस-बी व सी का पता
हेपेटाइटिस सी के मामलों में युवक और युवतियां ही ज्यादा हैं। हेपेटाइटिस-सी के लिए गेस्ट्रोएंटरोलाजी विशेषज्ञ के संपर्क में हमेशा रहना पड़ता है। हेपेटाइटिस सी तीन माह की दवाओं से ठीक हो जाता है लेकिन हेपेटाइटिस-बी पूरी उम्र रहता है। हेपेटाइटिस-बी व सी का पता बहुत देर से चलता है। लोग इसकी जांच ही नहीं करवाते हैं। जब किसी बीमारी के कारण टेस्ट की आवश्यकता हो या आपरेशन करवाने के लिए अस्पताल आते हैं या बीमारी जांच करवाने के दौरान ही इसका पता चलाता है।
हेपेटाइटिस के होते हैं पांच प्रकार
हेपेटाइटिस पांच प्रकार का होता है। इनमें ए, बी, सी, डी और ई शामिल है। हेपेटाइटिस ए व ई वायरस दूषित भोजन व पानी के कारण होता है। ये एक संक्रामक व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क से फैलता है। हेपेटाइटिस-बी, सी व ई गर्भवती मां से बच्चे, असुरक्षित यौन संबंध, एक ही सीरिंज, रेजर को कई लोगों द्वारा इस्तेमाल करने और दूषित रक्त को चढ़ाने से होता है।
यह होता है हेपेटाइटिस सी
हेपेटाइटिस सी एक वायरल संक्रमण है जो लिवर में सूजन व क्षति का कारण बनता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आने से फैलता है और बिना इलाज यह लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। हेपेटाइटिस सी से पीड़ित कई लोगों को पता ही नहीं होता कि उन्हें यह बीमारी है। पीलिया, थकान, मतली, बुखार और मांसपेशियों में दर्द इसके लक्षण हो सकते हैं।
हेपेटाइटिस बी के लिए वैक्सीन लगती है और उससे एंटीबाडी बनने पर हेपेटाइटिस-बी नहीं होता है। चिट्टे आदि के नशे के लिए एक ही सिरिंज लेने से हेपेटाइटिस-सी के मामले ज्यादा आ रहे हैं। 15 से 30 वर्ष की आयु के 700 युवाओं का उपचार हेपेटाइटिस-सी के लिए चल रहा है। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाणा व मेडिकल कालेज टांडा में गेस्ट्रोएंटरोलाजी विभाग के तहत ऐसे मामले आ रहे हैं।
-डा. बृज शर्मा, प्रिंसिपल सुपर स्पेशियलिटी चमियाणा व विभागाध्यक्ष गेस्ट्रोएंटरोलाजी विभाग।
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