हिमाचल के लोगों को मायूस कर देगी यह खबर, अब 2 पैसे से लेकर 6 रुपए मिल्क सेस का पड़ेगा भार
Himacal Pradesh News हिमाचल प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं पर मिल्क सेस लगाने का रास्ता साफ हो गया है। राज्यपाल ने विद्युत संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। अब हिमाचल प्रदेश में उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 2 पैसे से लेकर 6 रुपए तक मिल्क सेस का भार पड़ेगा। इस पैसे का इस्तेमाल किसानों की आय बढ़ाने के लिए किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में में बिजली पर मिल्क सेस लगाने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य विधानसभा द्वारा पूर्व में पारित विद्युत संशोधन विधेयक को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है।
विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद अब हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh News) में विद्युत उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 2 पैसे से लेकर 6 रुपए तक मिल्क सेस का भार पड़ेगा। जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राज्यपाल ने जीएसटी संशोधन तथा नगर एवं ग्राम योजना संशोधन विधेयक को भी मंजूरी दे दी है।
2 पैसे प्रति यूनि मिल्स सेस देना होगा
विधानसभा सचिव ने राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद स्वीकृत तीनों विधेयकों को सदन के पटल पर रखा। विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक के प्रावधानों के तहत लघु औद्योगिक इकाईयों को 2 पैसे प्रति यूनिट मिल्क सेस देना होगा।
इसके अलावा मध्यम उद्योगों को चार पैसे प्रति यूनिट, बड़े उद्योगों को चार पैसे प्रति यूनिट, व्यवसायिक उपभोक्ताओं को 10 पैसे प्रति यूनिट मिल्क सेस का भुगतान करना होगा।
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अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेने वालों को प्रति यूनिट 2 रुपए, स्टोन क्रशर पर 2 रुपए तथा इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग स्टेशन पर प्रति यूनिट 6 रुपए मिल्क सेस के देने होंगे।
इस पैसे का प्रयोग किसानों की आय को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा सदन में सात विनियोग विधेयक 2024 भी पारित किए गए।
पटल पर रखे तीन विधेयक
सदन के पटल पर रखे तीन संशोधित विधेयक हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Vidhansabha) के पलट पर रखे। जीएसटी व आबकारी विभाग को अलग अलग करने के बाद सरकार ने अब इनके अधिकारियों की शक्तियों को पूर्नगठन किया है। वीरवार को इस संदर्भ में मुख्यमंत्री की ओर से तीन संशोधित विधेयक सदन के पटल पर रखे गए।
क्या होता है मिल्क सेस
मिल्क सेस का उद्देश्य दुग्ध (What is Milk Cess) उत्पादन में बढ़ोतरी करना है। इससे मिलने वाले राजस्व का प्रयोग प्रदेश में दूध उत्पादकों की मदद और उनके हितों की रक्षा के लिए किया जाएगा। लेकिन खास बात यह है कि अगर आपके बिजली बिल की खपत जीरो है तो यह सेस बिजली के बिलों में नहीं लगाया जाएगा।

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