Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल सरकार बेरोजगारों को राहत देने की तैयारी में, भर्ती परीक्षा शुल्क दरों की समीक्षा होगी; महिलाओं से नहीं ली जाती थी फीस

    By Parkash Bhardwaj Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Wed, 10 Dec 2025 05:13 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश सरकार बेरोजगार युवाओं को राहत देने की तैयारी कर रही है। सरकार भर्ती परीक्षाओं के शुल्क दरों की समीक्षा करेगी। पूर्व में महिलाओं से भर्ती ...और पढ़ें

    Hero Image

    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू का कहना है कि राज्य चयन आयोग द्वारा भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन शुल्क अधिक होने के मामले आए हैं। ऐसे में शुल्क दरों की समीक्षा होगी, ताकि हजारों बेरोजगारों को राहत मिल सके।

    राज्य चयन आयोग, हमीरपुर द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं का आवेदन शुल्क विवाद में है। वर्ष 2025 की एक अधिसूचना के मुताबिक सामान्य अभ्यर्थियों को 800 रुपये (100 रुपये परीक्षा शुल्क 700 रुपये प्रोसेसिंग शुल्क) देना होता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    बेरोजगार प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जा रहे इस शुल्क को अधिक बताकर मामले को मुख्यमंत्री के ध्यान में लाए हैं। 

    महिलाओं से नहीं लिया जाता था शुल्क

    2019 तक और उसके बाद कुछ समय तक राज्य चयन आयोग द्वारा कई भर्ती परीक्षाओं के लिए महिलाओं से कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाता था। आम उम्मीदवारों के लिए सामान्य व आर्थिक तौर कमजोर वर्ग के अभ्यार्थियों से आवेदन शुल्क 360 रुपये तय था। आरक्षित वर्ग (एससी, एसटी, ओबीसी, बीपीएल आदि), पूर्व सैनिक आदि के लिए शुल्क 120 रुपये था। यानी कुल मिलाकर शुल्क का पहले न्यूनतम भार था, विशेष रूप से महिलाओं और आरक्षित वर्ग के लिए रियायत था। जिससे कई उम्मीदवारों के लिए आवेदन आसान था।

    मई में बंद हुई थी महिलाओं के लिए नि:शुल्क आवेदन सुविधा

    29 मई, 2025 के बाद जारी अधिसूचना में महिला उम्मीदवारों को प्राप्त नि:शुल्क आवेदन सुविधा बंद कर दी गई। अब महिलाओं को भी सामान्य या आरक्षित श्रेणी के अनुसार शुल्क देना होता है। सामान्य वर्ग के लिए शुल्क 360 रुपये से बढ़कर 400 रुपये हुआ। आरक्षित वर्ग के लिए 120 रुपये से बढ़कर 325 रुपये कर दिया गया। साथ ही आयोग ने यह मांग की कि भर्ती पूरी तरह से ऑनलाइन और कंप्यूटर-आधारित (सीबीटी/परीक्षा प्रोसेसिंग) हो, जिसके लिए आउटसोर्स एजेंसी को भुगतान करना पड़ना है। यही प्रमुख वजह आयोग द्वारा शुल्क बढ़ाने का कहा गया।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल सरकार के तीन साल: मंडी में 14 स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व सैनिक होंगे सम्मानित, चार जगह से ही एंट्री; ट्रैफिक प्लान तैयार 

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड से हिमाचल पहुंचेंगे महासू महाराज, सिरमौर के द्राबिल व पश्मी में बड़े आयोजन की तैयारी, 50 हजार से एक लाख लोग करेंगे दर्शन