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    हिमाचल के सरकारी अस्पताल में 17 दिन से हिमकेयर व आयुष्मान योजना में इलाज बंद, बाहर से दवाएं खरीदने को मजबूर मरीज

    Himachal Govt Hospital शिमला के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल रिपन में 11 अगस्त से हिम केयर और आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद है। राज्य सरकार द्वारा अनुदान राशि न मिलने के कारण वेंडरों ने सामान देना बंद कर दिया है जिससे मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को कई बार पत्र लिखा है पर अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।

    By Shikha Verma Edited By: Rajesh Kumar Sharma Updated: Thu, 28 Aug 2025 03:48 PM (IST)
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    रिपन अस्पताल में 17 दिनों से हिम केयर और आयुष्मान से इलाज बंद है।

    जागरण संवाददता, शिमला। Himachal Govt Hospital, राजधानी शिमला के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल रिपन में 11 अगस्त से हिम केयर और आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद है। 17 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक हिम केयर और आयुष्मान कार्ड से अस्पताल में इलाज शुरू नहीं हुआ है।

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    अस्पताल में वेंडर इसके तहत सामन नहीं दे रहे हैं। अस्पताल में आयुष्मान, हिम केयर योजना के मरीजों को दिए जा रहे मुफ्त इलाज के बदले में राज्य सरकार की ओर से अनुदान की राशि नहीं मिल रही है। यह बजट काफी समय से नहीं मिल रहा था। आयुष्मान और हिम केयर की करोड़ों की राशि राज्य सरकार के पास फंसी हुई है।

    अस्पताल प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को कई बार इसके लिए पत्र भी लिखा, लेकिन इसके लिए राशि जारी नहीं हो रही है। अब वेंडर ने अस्पताल में सामान देने ही बंद कर दिया है।

    अस्पताल में मरीज हिम केयर और आयुष्मान के तहत सामान लेने के लिए दुकानों में जा रहे हैं, लेकिन यहां पर मरीजों को कहा जा रहा है कि दवाएं नहीं हैं। इस कारण मरीजों को बाहर से दवाई व आपरेशन का सामान लेना पड़ रहा है।

    रोजाना कितने आते हैं मरीजों

    रिपन अस्पताल में रोजाना बहुत ज्यादा मरीज पहुंचते है। अस्पताल में रोजाना 1000 से 1200 मरीजों की ओपीडी होती है। सुबह से ही अस्पताल में मरीजों की लाइन लगना शुरू हो जाती है। अस्पताल में शिमला ही नहीं बल्कि अन्य जगह से भी मरीज इलाज करवाने के लिए आते है। अस्पताल में मरीज ठियोग, सिरमौर, शिमला ग्रामीण व इसके साथ लगते इलाकों से भी इलाज के लिए आते है। अस्पताल में आइजीएमसी से कम भीड़ होती है। इस कारण लोग यहां पर जल्दी इलाज करवाने के लिए आते है, ताकि समय पर इलाज मिल सकें।

    वेंडर ने सामान देना बंद किया

    अस्पताल के एमएस डाक्टर लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि हिम केयर के तहत वेंडर ने सामान देना बंद कर दिया है। इस कारण अस्पताल में मरीजों को हिम केयर के तहत इलाज नहीं हो पा रहा है।

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