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    Himachal: टूटीकंडी शिशुगृह के दो बच्चों को मिले माता-पिता, उत्तराखंड और यूपी के दंपती लिए गोद, कड़ी हैं शर्तें

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 04:16 PM (IST)

    Himachal Pradesh adoption Rules हिमाचल प्रदेश सरकार की पहल से शिमला के टूटीकंडी शिशु गृह में दो अनाथ बच्चों को उनके भावी माता-पिता मिल गए। एक बच्चे को उत्तराखंड और दूसरे को उत्तर प्रदेश के दंपतियों ने गोद लिया। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने समाज के समृद्ध लोगों से बच्चों को अपनाने की अपील की।

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    टूटीकंडी शिशुगृह के दो बच्चों को माता पिता मिले हैं। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों के कारण चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के भावी माता-पिता को दत्तक ग्रहण करवाने में सफलता हासिल हो रही है। शिशु गृह टूटीकंडी शिमला में दो चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का उनके भावी माता को दत्तक ग्रहण उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने करवाया है।

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    एक बच्चे को उत्तराखंड के दंपती ने गोद लिया है, दूसरे को उत्तर प्रदेश के दंपती ने गोद लिया है। सोमवार को एक बच्चे के भावी माता-पिता को दत्तक ग्रहण करवाया।

    20 दिसंबर 2022 से लेकर अब तक कुल 21 चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के भावी माता पिता को दत्तक ग्रहण करवाया जा चुका है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने समाज के समृद्ध लोगों से अपील की है कि वे शिशु गृह और बल-बालिका आश्रमों में पल रहे बच्चों को अपनाने के लिए आगे आएं।

    जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला ममता पॉल ने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए जिन माता-पिता ने आवेदन किया होता है, उन्हें मेरिट के आधार पर दत्तक ग्रहण करवाया जाता है। इसके लिए अधिनियम के मुताबिक जो नियम व शर्तें पूरी करते हैं, उन्हें ही लाभ दिया जाता है।

    ये शर्तें पूरी करना अनिवार्य

    भारत में भारतीय नागरिक, एनआरआई और विदेशी नागरिक हर कोई बच्चे को गोद ले सकता है। उसके लिए सबसे पहले उन्हें केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नियमों को पूरा करना जरूरी है। शादीशुदा परिवार के अलावा इसके साथ ही सिंगल पैरेंट या कपल दोनों ही बच्चे को गोद ले सकते हैं। हालांकि मैरिड कपल के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। अगर कोई शादीशुदा जोड़ा बच्चे को गोद ले रहा है तो उस कपल की शादी को कम से कम दो साल का समय होना चाहिए।

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    ये दस्तावेज हैं आवश्यक

    गोद लेने वाले परिवार की मौजूदा तस्वीर, बच्चे को गोद लेने वाले परिवार या शख्स का पैन कार्ड, बर्थ सर्टिफिकेट या कोई भी ऐसा दस्तावेज, जिससे उस व्यक्ति की जन्म तिथि का प्रमाण मिल सके। आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, नवीनतम बिजली का बिल, टेलीफोन बिल इन सबमें से किसी भी एक डॉक्यूमेंट का होना बेहद जरूरी है।

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