हिमाचल के रेलवे प्रोजेक्ट में राज्य सरकार के असहयोग से देरी, अनुराग ने लोकसभा में उठाया मामला; 2 वजह से लटका काम
अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में हिमाचल प्रदेश की रेल परियोजनाओं में हो रही देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने राज्य सरकार पर असहयोग का आरोप लगाया, जिसके कारण भ ...और पढ़ें

हमीरपुर से लोकसभा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, शिमला। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर लोकसभा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में हिमाचल के रेलवे प्रोजेक्ट का मामला उठाया। बिना तारांकित सवालों के जरिये हिमाचल के रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में राज्य सरकार के सहयोग न करने की वजह से हो रही लंबी देरी पर गंभीर चिंता जताई।
लोकसभा में अपने लिखित जवाब में रेल मंत्रालय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से समय पर सहयोग न करना और तय वादों को पूरा न करना प्रोजेक्ट के काम में रुकावट और तय समय सीमा में कार्य पूरा न होने की वजह है।
सामरिक महत्व की रेल परियोजना भी धीमी
प्रदेश में कांग्रेस सरकार की उदासीनता के चलते सामरिक महत्व की कई रेल परियोजनाओं की रफ्तार सुस्त पड़ी हुई है। मंत्रालय ने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेललाइन जिसे कॉस्ट-शेयरिंग के आधार पर मंज़ूरी दी गई थी, पर अब तक 5,252 करोड़ का खर्च हो चुका है, जबकि राज्य का 1,843 करोड़ का बकाया हिस्सा अभी भी बकाया है, जिससे बाकी का काम रुका हुआ है।
भूमि हस्तांतरण भी नहीं हो पाया
मंत्रालय ने यह भी बताया है कि राज्य में प्रोजेक्ट्स के लिए ज़रूरी 124.02 हेक्टेयर में से अब तक सिर्फ़ 82 हेक्टेयर जमीन ही मिली है, जिसका मतलब है कि कंस्ट्रक्शन सिर्फ़ उसी ज़मीन पर हो सकता है जो पहले ही दी जा चुकी है।
इसके अलावा, कुल 214 किमी (मंज़ूर लागत ₹17,622 करोड़) के तीन मंज़ूर नए लाइन प्रोजेक्ट्स बन रहे हैं, जिनमें से 64 किमी चालू हो चुके हैं और उन पर अब तक ₹8,280 करोड़ खर्च हो चुके हैं।
अनुराग ने की राज्य सरकार से अपील
अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्य का बकाया हिस्सा तुरंत जारी करने और बाकी ज़मीन के टुकड़े जल्दी सौंपने के साथ-साथ कानूनी मंज़ूरी के लिए एक तेज़ प्रोग्राम शुरू करने की अपील की है। केंद्र, राज्य और रेलवे के प्रतिनिधियों का एक संयुक्त मॉनीटरिंग सेल बनाने की मांग की है, ये ज़रूरी पड़ाव हासिल होने और प्रोजेक्ट की रफ़्तार वापस आने तक हर दो हफ़्ते में मिलेंगे।

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