हिमाचल में अध्यापकों के पदोन्नति आदेश की याचिका पर क्यों टली सुनवाई? 592 प्रवक्ता को मिला है डिमोट करने का नोटिस
हिमाचल प्रदेश में अध्यापकों की पदोन्नति से जुड़े मामले में अदालत में सुनवाई टल गई। यह मामला 592 प्रवक्ताओं को डिमोट करने के नोटिस से संबंधित है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि डिमोट करने की कार्रवाई नियमों के खिलाफ है। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी है, जिसमें सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का शिमला स्थित परिसर। जागरण आर्काइव
विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में पात्र टीजीटी अध्यापकों के पदोन्नति आदेश जारी करने से जुड़ी अवमानना याचिका पर सुनवाई 18 नवंबर के लिए टल गई है। इस याचिका के तहत दिए आदेशों की अनुपालना करते समय लगभग 592 प्रवक्ताओं की पदोन्नतियों पर प्रभाव को देखते हुए शिक्षा विभाग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें पूछा है कि क्यों न उन्हें डिमोट किया जाए।
सरकार ने कोर्ट को बताया था कि संशोधित वरिष्ठता सूची बनाने के कारण इन टीजीटी से प्रवक्ता बने शिक्षकों का दर्जा कम होना है।
कोर्ट ने राज्य सरकार के अनुरोध पर मामले को 14 अक्टूबर 2025 को सूचीबद्ध करने का आदेश दिए थे, ताकि शिक्षा विभाग याचिकाकर्ताओं के पदोन्नति आदेशों को हाई कोर्ट के रिकार्ड पर रख सके।
कोर्ट ने दी थी चेतावनी
कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यदि 14 अक्टूबर तक पदोन्नति आदेश जारी नहीं किए और न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए तो यह न्यायालय के आदेशों की अवमानना को बढ़ाने के बराबर होगा। कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि यदि कोर्ट के आदेशों की अनुपालना नहीं हुई तो न्यायालय द्वारा उचित आदेश पारित किए जाएंगे।
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18 नवंबर को होगी सुनवाई
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि इस मामले में जिस आदेश की अनुपालना के लिए कहा जा रहा है, उस आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई है और खंडपीठ के आदेश से एकलपीठ को दो सप्ताह के भीतर अवगत करवाया जाएगा। इस पर कोर्ट ने सुनवाई 18 नवंबर को निर्धारित करने के आदेश जारी किए।

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