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    अरबों के मालिक हैं हिमाचल के मंदिर, सरकारी अधिग्रहण वाले 36 मंदिरों का बैंक बैलेंस देख ही हो जाएंगे हैरान

    By Anil Thakur Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Wed, 15 Oct 2025 10:42 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के मंदिर अरबों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। सरकारी नियंत्रण वाले 36 मंदिरों के बैंक खातों में अरबों रुपये जमा हैं। इसके अतिरिक्त, मंदिरों के पास करोड़ों रुपये का सोना और चांदी भी है। मंदिरों ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना और मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के लिए भी दान दिया है, जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया था।

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    हिमाचल प्रदेश के मंदिर अरबों रुपयों के मालिक हैं।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के मंदिरों की संपत्ति अरबों रुपये में है। भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के अनुसार, सरकारी अधिग्रहण वाले 36 मंदिरों के पास बैंक खातों में चार अरब, 4 करोड़, 39 लाख 21 हजार 99  रुपये (4,04,39,21,099) की राशि जमा है। 

    यह केवल नकद राशि है जो बैंकों में रखी गई है। इसके अलावा मंदिरों के पास करोड़ों रुपये का सोना और चांदी भी है, जो चढ़ावे के रूप में प्राप्त होता है।

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    माता चिंतपूर्णी के पास 106 करोड़ रुपये से ज्यादा

    एक रिपोर्ट के अनुसार, माता चिंतपूर्णी के पास 1,06,94,46,948 रुपये हैं। इसी प्रकार, श्री नयना देवी मंदिर के पास 98,82,74,304 रुपये की राशि बैंक डिपाजिट में है। बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध के पास 46,20,65,378 रुपये जमा हैं, जबकि ज्वाला जी मंदिर में 36,71,00,253 रुपये की राशि है। 

    सुख आश्रय और सुख शिक्षा योजना में दिए 3.66 करोड़ 

    पिछले तीन वर्षों में मंदिरों से मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना और मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के लिए 3.66 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि हिमाचल के मंदिर न केवल धार्मिक केंद्र हैं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण संस्थान हैं। 
    मंदिर ट्रस्ट विकास कार्य, बच्चों की शिक्षा से लेकर जरूरतमंद बच्चों की मदद करते हैं। इसके लिए बाकायदा तय प्रक्रिया का पालन किया जाता है।

    प्रदेश के मुख्य मंदिर व उनके पास पैसा

    • मंदिर                राशि
    • श्री नयना देवी बिलासपुर        98,82,73,304
    • बाबा बालक नाथ शाहतलाई        11,14,17,962
    • लक्ष्मी नारायण मंदिर, चंबा        2,10,00,000
    • भरमौर चौरासी मंदिर, चंबा        1,39,78,613
    • बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध        46,20,65,378
    • शनिदेव मंदिर सरली, हमीरपुर        2,4002,367
    • श्री ज्वालाजी मंदिर, कांगड़ा        36,71,00,253
    • श्री बज्रेश्वरी मंदिर, कांगड़ा        7,74,84,638
    • रामगोपाल मंदिर डमटाल             16,92,40,162
    • आदि हिमानी व श्री चामुंडा        3,50,55,055
    • शिव मंदिर बैजनाथ, कांगड़ा        3,03,58,733
    • महाकाल मंदिर बैजनाथ, कांगड़ा        2,01,70,828
    • त्रिलोकीनाथ मंदिर,लाहुल स्पीति        2,62,63,462
    • हणोगी माता मंदिर, मंडी                7,09,76,952
    • नवाही देवी मंदिर, मंडी        1,42,01,617
    • भीमाकाली मंदिर, शिमला        10,12,63,632
    • संकट मोचन,शिमला        1,05,41,810
    • तारादेवी मंदिर, शिमला        4,46,56,944
    • हनुमान मंदिर जाखू, शिमला        7,41,47,586
    • दुर्गा मंदिर हाटकोटी, शिमला        14,69,81,715    
    • महामाया बाला सुंदरी, सिरमौर        1,95,57,443
    • शूलिनी मंदिर, सोलन        7,62,73,252
    • श्री चिंतपूर्णी, ऊना        1,06,94,46,948
    • महाशिव मंदिर शिवबाड़ी, ऊना        1,87,31,307  

    किस मंदिर ने कितनी राशि दी योजनाओं में

    • मंदिर                राशि लाखों में
    • श्री नयनादेवी        100 लाख
    • बाबा बालक नाथ शाहतलाई        50 लाख
    • बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध        200 लाख
    • हणोगी माता मंदिर        5 लाख
    • नवाही देवी मंदिर        2 लाख
    • महामाया बाला सुंदरी        4 लाख
    • शूलिनी माता मंदिर        5 लाख

    सरकार की योजनाओं के लिए पैसा देने पर हुआ था विरोध

    भाषा एवं संस्कृति विभाग ने जनवरी 2025 में आयुक्त मंदिर एवं उपायुक्तों को मंदिर के न्यास के माध्यम से बेसहारा जरूरतमंद बच्चों की सहायता के लिए अनुरोध किया था। मंदिर न्यास द्वारा इस विषय में अपने स्तर पर आगामी कार्रवाई की जानी है। इसको लेकर बहुत बवाल भी हुआ था। विपक्षी दल भाजपा ने इसका विरोध किया था कि सरकार अपनी दो योजनाओं के लिए मंदिरों का पैसा मांग रही है।

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