Himachal Rain: शिमला में बारिश ने उड़ाई नींदें, तिरपाल के सहारे कट रही जिंदगी
शिमला में भारी वर्षा के कारण भूस्खलन हो रहा है जिससे रास्ते और इमारतें खतरे में हैं। लोग अपने घरों को बचाने के लिए तिरपाल का उपयोग कर रहे हैं। सड़कों और रास्तों को भी तिरपाल से ढका जा रहा है। लगातार बारिश के कारण लोगों की नींद उड़ गई है क्योंकि कई क्षेत्र भूस्खलन के प्रति संवेदनशील हैं।

जागरण संवाददाता, शिमला। राजधानी शिमला में भारी वर्षा के बीच तिरपाल के सहारे जिंदगी चल रही है। भारी वर्षा से शिमला शहर सहित जिला भर में भूस्खलन की घटनाएं पेश आ रही है।
भूस्खलन के कारण रास्तों से लेकर भवन ढह रहे है, तो कई भवन एवं रास्ते खतरे की जद में आ गए है। इन घटनाओं के कारण शहर के भवन मालिक भी सहम गए है।
शहर में भवनों को भूस्खलन से बचाने के लिए लोग तिरपाल का सहारा ले रहे है। भवन के आगे बारिश के कारण भूस्खलन न हो। इसके लिए तिरपाल से भवन के आगे की जगह को ज्यादात्तर भवन मालिकों ने ढक दिया है, ताकि भारी वर्षा में भी मकान को किसी प्रकार का खतरा न हो।
रास्तों और सड़कों को तिरपाल से ढका जा रहा
वहीं सड़काें एवं रास्तों की हालत भी खराब है। कई क्षेत्रों में सड़कों एवं रास्तों में दरारे आ गई है। इन रास्तों एवं सड़कों को वर्षा के कारण भारी नुकसान न हो।
इसके लिए रास्तों एवं सड़कों को भी तिरपाल से ढक दिया गया है। बता दें कि राजधानी शिमला में भी आए दिन भूस्खलन की घटनाएं पेश आ रही है।
इसके कारण जहां लोगों की गाडियां दब रही है, तो वहीं कई जगह पर सड़कों को भी नुकसान हुआ है। इसके अलावा इस बरसात मे लोगों के मकानों और भवनों को भी कई जगह पर खतरा पैदा हो गया है। इसके कारण संंवेदनशील क्षेत्रों में लोगों ने तिरपाल से भवनों एवं सड़कों को बचाने का प्रयास कर रहे है।
वर्षा ने उड़ाई रात की नींदें
राजधानी में पिछले 3 दिनों से रात के समय लगातार भारी वर्षा के कारण लोगों की नींदें उड़ गई है। शहर में कई जगह भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील है। इनमें बैनमोर वार्ड के रामचंद्रा चौक में बीते दिनों भूस्खलन की घटना पेश आई है।
यहां पर अभी भी कई घरों को खतरा है। इसके अलावा समरहिल, बालूगंज समेत अन्य वार्डों में भी कई जगह संवेदनशील है। ऐसे में रात में भारी वर्षा के दौरान लोगों में डर पैदा हो जाता है। इसके कारण रात को लोग सो भी नहीं पा रहे है।
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