Updated: Sat, 06 Sep 2025 10:51 PM (IST)
चोपाल और कुपवी में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। एक सप्ताह से बिजली गुल होने से सैकड़ों गांव अंधेरे में डूबे हैं जिससे दूरसंचार सेवाएं बाधित हैं। एयरटेल और जियो के सिग्नल न होने से बैंकों का कामकाज ठप है। सड़कें बंद होने से परिवहन सेवाएं प्रभावित हैं और लोग निजी वाहनों से सफर करने को मजबूर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल करने का प्रयास जारी है।
संवाद सूत्र, नेरवा। बरसात ने चौपाल व कुपवी उपमंडलों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त करके रख दिया है। इन दोनों उपमंडलों के जिन क्षेत्रों को सिरमौर जिले से विद्युत आपूर्ति होती है को छोड़ कर अन्य सभी क्षेत्र अंधेरे में डूबे हुए हैं। एयर टेल व जिओ का सिग्नल न होने के कारण सोमवार से गुरुवार तक बैंकिंग सेवाएं भी ठप्प रहीं।
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बैंकों में जनरेटर उपलब्ध होने के बावजूद सिग्नल न होने के कारण कोई कार्य नही हो पाया। नेरवा पांवटा-साहिब को छोड़ कर अन्य सभी मार्ग पर बड़े वाहन नहीं चल पाऐ।परिवहन निगम द्वारा उपमंडलीय मुख्यालय चौपाल से शिमला के लिए तीन व शिमला से चौपाल के लिए चार बसें भेजी गईं।
नेरवा से चौपाल के बीच मझोटली,खगना व धवास में मार्ग बंद होने के कारण बसें नहीं चल पाईं। लोकनिर्माण विभाग ने यहां पर मशीनरी तैनात की हुई है लेकिन बार बार भूस्खलन होने के कारण सड़क खुल नहीं पा रही है।
उधर नेरवा से मात्र हरिद्वार के लिए वाया पांवटा साहिब ही एकमात्र बस भेजी जा सकी।मार्ग खुला होने के बावजूद इस रूट पर चलने वाली नाहन-चौपाल बस नहीं भेजी जा रही है। मजबूरन लोगों को प्राइवेट गाड़ियों में सफर करना पड़ रहा है, जो उनसे मनमाना किराया वसूल रहे हैं। परिवहन निगम के नेरवा डिपो के रीजनल मैनेजर अनिल शर्मा ने बताया है कि निगम की 18 बसें विभिन्न स्थानों पर फंसी हुई हैं।
बाक्स: सड़कें बंद होने से भी लोग परेशान लगभग सभी संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं जो खुले हैं उन पर भी हल्के वाहन ही चल पा रहे हैं। लोगों को मजबूरन अधिक भाड़ा चुका कर सेब की पेटियां छोटे वाहनों में मंडियों में पंहुचनी पड़ रही हैं।
चौपाल को विद्युत आपूर्ति करने वाली हुल्ली-लास्टाधार की टावर लाइन 35 नवंबर टावर के धराशायी हो जाने के कारण बीती रात तक विद्युत आपूर्ति ठप्प रही। फिलहाल बसाधार-चम्बी 22 केवीए लाइन द्वारा केवल नेरवा व चौपाल कस्बों को रात में कुछ समय के लिए आपूर्ति की जा रही है। सभी ग्रामीण क्षेत्र अंधेरे में डूबे हुए हैं।
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