हिमाचल: हवाई अड्डे के पास से गुजरेगा शिमला-मटौर फोरलेन, NH पर नहीं होगा निर्माण; कम प्रभावित होगा रिहायशी क्षेत्र
शिमला-मटौर फोरलेन जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे के पास से गुजरेगा, जो राष्ट्रीय राजमार्ग 205 से अलग होगा। 31.7 किमी लंबा यह फोरलेन ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए शोघी के पास जुड़ेगा, जिससे कई रिहायशी इलाके प्रभावित होने से बच जाएंगे। बर्फबारी से यातायात बाधित न हो, इसलिए मार्ग में बदलाव किया गया है। इस परियोजना को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

शिमला मटौर फोरलेन जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट के पास से गुजरेगा। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। शिमला-मटौर फोरलेन जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे के समीप से गुजरेगा। शालाघाट से शिमला तक फोरलेन निर्माण की योजना मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग 205 से हटकर होगी। इसके लिए अंतिम सर्वेक्षण हो चुका है। अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से औपचारिक घोषणा होनी शेष रह गई है।
इस संबंध में एनएचएआई और प्रदेश सरकार के बीच में विमर्श हो चुका है। 31.7 किमी लंबा फोरलेन एनएच-205 से नीचे ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए विधि विश्वविद्यालय के समीप से होते हुए कंडा आदर्श कारागार से होते हुए सैन्य छावनी क्षेत्र जतोग के नीचे और हवाई अड्डा के साथ लगते क्षेत्रों से होता हुआ शोघी के समीप जुड़ेगा।
ऐसे में शालाघाट बाजार, घंडल विधिक अकादमी, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, घणाहट्टी, टुटू क्षेत्र में भवनों को किसी तरह की क्षति नहीं होगी। शिमला तक निर्मित होने वाला फोरलेन मौसम की विपरीत परिस्थितियों में कभी बाधित नहीं होगा। ये फोरलेन पूरा साल भर वाहनों के आवागमन के लिए उपलब्ध रहेगा।
बर्फबारी के कारण किया गया बदलाव
सर्वेक्षण के दौरान पाया गया था कि सैन्य छावनी जतोग के साथ नाल्टू और बालूगंज क्षेत्र में सर्दियों के दौरान हिमपात होने से कई दिनों तक एनएच पर यातायात बाधित रहता है। इस तरह की रिपोर्ट को दृष्टिगत रखते हुए केंद्रीय सड़क, यातायात एवं परिवहन मंत्रालय ने फोरलेन अधिक ऊंचाई पर निर्माण करने की योजना में बदलाव किया।
रिहायशी क्षेत्र बहुत कम आएगा
अब फोरलेन निर्माण में रिहायशी क्षेत्र बहुत कम आएगा। कई जगह भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है। हाल ही में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस संबंध में स्पष्ट किया था कि फोरलेन का निर्माण मौजूदा एनएच से नहीं होगा।
चार फोरलेन बन रहे हिमाचल में
प्रदेश में सबसे पहले कीरतपुर-मनाली फोरलेन का निर्माण शुरू हुआ था, उसके बाद परवाणू-शिमला फोरलेन। इस समय मटौर-शिमला फोरलेन पर निर्माण हो रहा है। पठानकोट-मंडी फोरलेन का निर्माण कार्य चल रहा है व कुछ औपचारिकताएं पूरी हो रही हैं।
शालाघाट से शिमला 31.7 किमी होगा फोरलेन निर्माण
मटौर-शिमला फोरलेन निर्माण कार्य कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन में तेजी से चला हुआ है। शिमला-शालाघाट के बीच में 31.7 किमी क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण का कार्य शीघ्र शुरू होगा। ऐसा माना जा रहा है कि अगला वित्त वर्ष शुरू होने से पहले शालाघाट-शिमला के बीच में भूमि अधिग्रहण की औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी। भराड़ीघाट तक फोरलेन का निर्माण बहुत तेजी से चला हुआ है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: 'भाजपा के 5 गुट कलयुगी पांडव', अनुराग के बयान पर सुक्खू का पलटवार, पूछा- जयराम की टिप्पणी क्या गुटबाजी नहीं?
2027 तक मटौर-शिमला फोरलेन पूरा करने का लक्ष्य
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मटौर-शिमला फोरलेन निर्माण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य 2027 तक निर्धारित किया है। इससे पहले परवाणू से शिमला फोरलेन निर्माण अंतिम चरण में है। दोनों ओर से निर्मित हो रहा फोरलेन शिमला शहर के बाहर तक निर्मित होगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।