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    सोलन में बाढ़ के कारण जल संकट का कहर, बूंद-बूंद पानी को तरस रहे 100 परिवार

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 06:14 PM (IST)

    दून विधानसभा क्षेत्र के कुठाड़ में पिछले डेढ़ महीने से जल संकट गहराया हुआ है। लगभग 100 परिवार पानी की एक-एक बूंद के लिए जूझ रहे हैं। बाढ़ से पानी की स्कीम नष्ट हो गई जिसके बाद से आपूर्ति ठप है। ग्रामीणों को दूर-दराज से पानी लाना पड़ रहा है।

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    हिमाचल प्रदेश के कुठाड़ क्षेत्र में 100 परिवार पानी की कमी से जूझ रहे हैं (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, सोलन। दून विधानसभा क्षेत्र की किशनगढ़ पंचायत के कुठाड़ इलाक़े में पिछले डेढ़ माह से जल संकट ने विकराल रूप ले लिया है। यहां करीब 100 परिवार पानी की एक-एक बूंद के लिए जूझ रहे हैं। लोगों का कहना है कि बीते 20 दिनों से उनके घरोंमें पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप है, जबकि कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिन्हें 40 दिनों से अधिक का समय हो गया है और अब तक नलों में पानी की एक बूंद तक नहीं आई।

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    स्थानीय निवासी ललित शर्मा ने बताया कि बरसात शुरू होने से पहले तक मैदानी क्षेत्र की स्कीम से पानी की आपूर्ति होती थी, लेकिन लगभग डेढ़ माह पहले आई बाढ़ आपदा में यह स्कीम पूरी तरह नष्ट हो गई। इसके बाद किसी ने सुध नहीं ली।

    जब लोगों ने आवाज़ उठाई तो अस्थायी तौर पर पहाड़ी क्षेत्र से सप्लाई की कोशिश की गई, मगर उसमें भी पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पाया। मोटरों के खराब होने और वॉल्व लीकेज जैसी समस्याओं का हवाला देकर विभाग जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ता रहा।

    ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि पीने के पानी के लिए उन्हें दूर-दराज के स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना कठिन हो गया है। महिलाओं और बच्चों को भी पानी भरने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।

    गौरतलब है कि किशनगढ़ पंचायत का राजनीतिक महत्व भी है। यह पंचायत प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के ससुराल से संबंधित रही है और मौजूदा जिला परिषद चेयरमैन भी इसी क्षेत्र से हैं। इसके बावजूद यहां के लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। क्षेत्र के लोगों संजीव कुमार, राजेंद्र कुमार, योगेश, दीपक तनवर, गुमान सिंह और संजीव ठाकुर सहित ने बताया कि अब इस समस्या के चलते ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है।

    इस मामले पर जल शक्ति विभाग बद्दी के अधिशाषी अभियंता राहुल अबरोल ने कहा कि बरसातों के दौरान बाल्द नदी से चलने वाली सभी उठाऊ पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। नदी में गाद भर जाने और तेज बारिश से आए फ्लड के कारण स्कीमें क्षतिग्रस्त हो गईं।

    अभी तक मरम्मत कार्य पूरा नहीं हो सका है, जिस कारण जलापूर्ति बाधित है। उन्होंने कहा कि विभाग की टीम मरम्मत कार्यों में लगातार जुटी हुई है और जल्द ही समस्या का स्थायी समाधान निकाल लिया जाएगा।