तीन माह बाद भी सोलन अस्पताल में मशीनें स्थापित नहीं कर पाई क्रसना डायग्नोस्टिक
सोलन-अस्पताल में आने वाले मरीज निजी लैब में जांच करवाने के लिए मजबूर हैं।
नोट : कंपनी का पक्ष आएगा।
-------------- सचित्र
-अस्पताल में आने वाले मरीज निजी लैब में जांच करवाने के लिए मजबूर
-जांच के लिए कंपनी बाहर भेज रही सैंपल, तीन दिन बाद आ रही रिपोर्ट
-बुधवार को भी अस्पताल प्रबंधन ने कंपनी को नोटिस जारी किया विनोद कुमार, सोलन
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में काफी समय से मरीजों को टेस्ट के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। टेंडर लेने के करीब तीन माह बीत जाने के बाद भी क्रसना डायग्नोस्टिक कंपनी अस्पताल लैब में अपनी मशीनें स्थापित नहीं कर पाई है। अस्पताल में आने वाले मरीज निजी लैब में जांच करवाने के लिए मजबूर हैं।
अस्पताल प्रबंधन भी कंपनी को तीन से चार बार नोटिस जारी कर चुका है। इसके बावजूद कंपनी समय पर मशीनें स्थापित नहीं कर रही है। बुधवार को भी अस्पताल प्रबंधन ने कंपनी को नोटिस जारी किया है। एसआरएल डायग्नोस्टिक कंपनी का टेंडर समाप्त होने के बाद पुणे की कंपनी क्रसना डायग्नोस्टिक को हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में रोगियों की जांच के लिए टेंडर दिया गया था। कंपनी की ओर से सैंपल लेकर बाहर भेजे जा रहे हैं। इस कारण मरीजों को रिपोर्ट के लिए तीन दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है। यदि किसी मरीज को आपातकाल में टेस्ट की आवश्कता हो तो उसे निजी लैब में अधिक दाम पर टेस्ट करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कुछ मरीज लंबे समय तक का इंतजार करने के बजाय निजी लैब में टेस्ट करवाना उचित समझ रहे हैं। सरकारी लैब में दोपहर 12 बजे तक लिए जाते हैं सैंपल
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन की सरकारी लैब में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक ही मरीजों के सैंपल एकत्र किए जाते हैं। इसके बाद लैब तकनीशियन की ओर से सैंपल की जांच कर दोपहर दो बजे के बाद मरीजों को रिपोर्ट दी जाती है। इसका कारण सरकारी लैब में कर्मचारियों की कमी है जहां चार पद खाली हैं। कम स्टाफ के कारण कर्मचारियों पर कार्य का अतिरिक्त बोझ है।
क्रसना डायग्नोस्टिक कंपनी को अस्पताल की लैब में मशीनें स्थापित करने में देरी पर बुधवार को नोटिस जारी किया गया है। इससे पूर्व भी कई बार कंपनी को नोटिस दिया जा चुका है। कंपनी को अस्पताल परिसर में लैब स्थापित करने के लिए गत दिनों जगह दी गई है। अब लैब में मशीनें स्थापित करना कंपनी का कार्य है। कई बार इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की गई है।
-डा. एसएल वर्मा, चिकित्सा अधीक्षक, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।