एओसी शर्मा ने लद्दाख में वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारियों को दी तेजी, भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा चुनौतियों पर की बैठक
भारतीय वायुसेना की लद्दाख में आपरेशनल तैयारियों को एयर वाइस मार्शल विकास शर्मा के दौरे से गति मिली है। वायुसेना पड़ोसी देशों से सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त है और सियाचिन व पूर्वी लद्दाख में तैनात सेना की जीवन रेखा भी है। वायुसेना ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से प्रभावित लोगों को बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पाकिस्तान, चीन जैसे देशों के सामने डटी भारतीय वायुसेना की आपरेशनल तैयारियों को क्षेत्र में एयर आफिसर कमांडिंग, एयर वाईस मार्शल विकास शर्मा के दौरे से तेजी मिली है।
भारतीय वायुसेना लद्दाख में पड़ौसी देशों द्वारा पैदा की जाने वाली सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त होने के साथ सियाचिन, पूर्वी लद्दाख में दुश्मन के सामने डटी भारतीय सेना की लाइफ लाइन भी है।
वायु सेना ने हाल ही में जम्मू कश्मीर में भूस्खलन, बाढ़ से प्रभावित इलाकों में लोगों को बचाने के साथ उन तक जरूरी सामान पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाई है। वायु सेना लद्दाख में आपदाओं के दौरान भी राहत अभियान चलाने में सबसे आगे रहती है।
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अग्रिम इलाकों का भी किया दौरा
ऐसे में अपने 4 दिवसीय लद्दाख दौरे के दौरान एओसी ने अग्रिम इलाकों के दौरे कर भारतीय वायुसेना के बेड़े में आधुनिक हथियार, ड्रोन, बेहतर संचार उपकरण शामिल करने की दिशा में हो रहे कार्याें का निरीक्षण किया। उन्होंने एयर फोर्स स्टेशन लेह के एयर आफिसर कमांडिंग, एयर कोमोडोर संजय प्रभुम व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से वायुसेना की आपरेशनल तैयारियों को तेजी देने के मुद्दे पर बैठक की।
ऊधमपुर लौटने से पहले सैन्य अधिकारियों से की बैठक
लद्दाख का अपना चार दिवसीय दौरा समेट कर ऊधमपुर लौटने से पहले एओसी ने लेह में सेना की उत्तरी कमान की 14 कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग हितेष भल्ला के साथ बैठक कर क्षेत्र में सेना के संयुक्त अभियानों पर चर्चा की। लद्दाख के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस सिद्धू ने बताया कि इस बैठक में सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास संबंधी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके साथ इस बैठक में लद्दाख के लेह व कारगिल के सीमांत क्षेत्रों में संपर्क साधनों को और मजबूत बनाने की अावश्यकता पर भी बल दिया गया। एओसी का दौरा 4 सितंबर तक चला।
उपराज्यपाल कविन्द्र गुप्ता से भी मिले
इससे पहले उन्होंने लेह में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल कविन्द्र गुप्ता से बैठ भी की थी। इस बैठक में नागरिक-सैन्य सहयोग और क्षेत्रीय विकास से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। उपराज्यपाल ने दूरदराज इलाकों में मुश्किल हालात में वायुसेना द्वारा लोगों को सहयोग देने की भी सराहना की। लद्दाख के राजनिवास में हुई इस बैठक में सुरक्षा चुनौतियों व विकास संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की गई। इस बैठक में एयर फोर्स स्टेशन लेह के एयर आफिसर कमांडिंग भी मौजूद थे।
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वायुसेना राहत-बचाव कार्यों में भी सबसे आगे
लद्दाख में बर्फबारी, भूस्खलन, हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान वायुसेना राहत और बचाव कार्यों में सबसे आगे होती है। सर्दियों में बर्फबारी से कटे इलाकों में फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकालने के साथ आवश्यक दवाएं पहुंचाने पहुंचाने व सड़क हादसे के घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में भी योगदान देती है। सर्दियों में कारगिल के लोगों के लिए वायुसेना द्वारा लगातार कारगिल कूरियर सेवा चलाई जा रही है।
वायु सेना सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं
लद्दाख जैसे रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारतीय वायुसेना की भूमिका सिर्फ सीमाओं की रक्षा तक सीमित नही है। वायुसेना क्षेत्रीय विकास, आपदा प्रबंधन व नागरिक-सैन्य समन्वय में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
निगरानी, टोही उड़ानों व त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं से वायुसेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सदैव तैयार रहती है। इसके साथ वासुसेना के सी 17 ग्लोब मास्टर, आईएल 76 जैसे बड़े विमानों के साथ एएन 32 विमान, बड़े चिनूक हेलीकाप्टर व एमआई 17 हेलीकाप्टरों से सियाचिन, अन्य उच्चतम इलाकों की अग्रिम चौकियों तक जरूरी आपूर्ति की जाती है।
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