जम्मू-कश्मीर: चुनाव से दूर कांग्रेस लेकिन राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सक्रिय, केंद्र सरकार पर लगाया देरी का आरोप
जम्मू कश्मीर में कांग्रेस चुनावी गतिविधियों से दूर है, लेकिन राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए फिर से सक्रिय हो गई है। पार्टी ने 'घर-घर दस्तक' अभियान शुरू किया है, जिसके तहत कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों से मिलेंगे। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने में देरी कर रही है, जिससे जनता परेशान है। पार्टी राज्य का दर्जा वापस दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कर रही है।

जम्मू कश्मीर कांग्रेस चुनावी गतिविधियों से दूर है, लेकिन राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए फिर से सक्रिय हो गई है (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर की चुनावी राजनीति में फिलहाल कांग्रेस किनारे पर बैठी नजर आ रही है। पार्टी ने चुनावी गतिविधियों से दूर रहकर जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर अपना स्थगित किया गया अभियान फिर से शुरु कर दिया है।
राज्यसभा चुनाव और उसके बाद विधानसभा उपचुनाव के दौरान प्रदेश की राजनीति गर्म रही, पर कांग्रेस इन सबसे अलग दिखाई दी। राज्यसभा चुनाव में नेकां से सुरक्षित सीट न मिलने से आहत कांग्रेस ने विधानसभा के उपचुनाव के लिए मैदान में उम्मीदवार उतारने में मना कर दिया।
अब विधानसभा की दो सीटों नगरोटा व बडगाम पर उपचुनाव के लिए भी सभी पार्टियों की गतिविधियां तेजी से चल रही हैं पर कांग्रेस इससे भी अलग है। बडगाम में नेकां, पीडीपी, भाजपा सहित अन्य दल मैदान में है तो इसमें कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं।
वहीं जम्मू के नगरोटा में भी नेकां, भाजपा सहित अन्य दल प्रचार में लगे हुए है। चूंकि कांग्रेस की नेशनल कांफ्रेंस के साथ राज्यसभा सीटों को लेकर दरार पैदा हो गई थी इसलिए अब कांग्रेस अपने सहयोगी नेकां के पक्ष में चुनाव प्रचार में कोई रुचि नहीं दिखा रही है।
विधानसभा सत्र से पहले राज्य के दर्जे के नाम पर कुछ प्रदर्शन किए गए, उसके बाद कोई गतिविधियां नहीं हैं। अब फिर से जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे पर अभियान को नए नारे के साथ शुरु किया गया है। जम्मू कश्मीर विधानसभा का सत्र अभी हाल में संपन्न हुआ हैं, वहां पर भी पार्टी के छह सदस्य किसी अहम मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित नहीं कर पाए।
जम्मू में बाढ़ के बाद के हालात पर भी उसकी तरफ से कोई खास रणनीति नहीं दिख रही है। अलबत्ता पार्टी के नेताओं ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। नेकां के रवैये से खिन्न कांग्रेस अब अपने अभियान के जरिए लोगों के बीच जगह बनाने की कोशिश में इसलिए जुटी है ताकि उनके पास एक मुद्दा रहे, आगामी पंचायत व निकाय चुनाव की तैयारी भी साथ हो जाए।
पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। मात्र छह सदस्य जीतने व नेकां को अपने बलबूते ही अधिक सीटें मिल जाने का कांग्रेस का नुकसान हुआ। प्रदेश प्रधान काफी समय से कहते आ रहे थे कि दोनों दलों के बीच समन्वय समिति का गठन हो जाए लेकिन नेकां की तरफ से इसको कोई अहमियत नहीं दी गई। पूर्व प्रदेश प्रधान विकार रसूल तो मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को कई बार निशाना बना चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान तारिक हमीद करा ने आज पार्टी मुख्यालय श्रीनगर में आयोजित ब्लॉक अध्यक्ष सम्मेलन में घर-घर दस्तक, हर-घर दस्तक अभियान की औपचारिक शुरुआत की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह नारा केवल एक अभियान नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिलाने के कांग्रेस पार्टी के मजबूत संकल्प का प्रतीक है। करा ने कहा कि इस अभियान के तहत जिला और ब्लॉक अध्यक्ष गांव-गांव, पंचायत-पंचायत जाकर जनता से संवाद करेंगे और कांग्रेस के राज्य दर्जा बहाली के आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाएंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य का दर्जा बहाल करने में हो रही देरी निंदनीय है और यह जम्मू-कश्मीर की जनता के अधिकारों पर चोट के समान है। उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा छीने जाने से जनता वंचित और असहाय महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि आज जनता की चुनी हुई सरकार भी अपनी वैधानिक जिम्मेदारियां निभाने में असमर्थ है, जिससे आम लोग हर मोर्चे पर परेशान हैं।
उन्होंने सभी ब्लॉक अध्यक्षों से अपील की कि वे घर-घर दस्तक, हर-घर दस्तक को जन आंदोलन बनाएं और राज्य की खोई हुई गरिमा व सम्मान की बहाली के लिए जनता से पूरा सहयोग मांगें।
इस अवसर पर क्षेत्रीय समन्वयक और जिला अध्यक्षों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और अभियान के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। कांग्रेस पार्टी ने दोहराया कि वह जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिलाने के संघर्ष को तार्किक और निर्णायक अंजाम तक पहुंचाएगी।

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