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    Earthquake in Ladakh: लेह-लद्दाख में भूकंप के झटकों से डोली धरती, रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई तीव्रता

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 12:49 PM (IST)

    लेह-लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस हुए, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.0 मापी गई। भूकंप के कारण किसी जान-माल के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है, लेक ...और पढ़ें

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    लेह-लद्दाख में महसूस हुए भूकंप के झटके (जागरण फोटो)

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। लेह-लद्दाख में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, लेह इलाके में मध्यम तीव्रता का ही भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप केंद्र (NCS) के अनुसार, सुबह पांच बजकर 51 मिनट पर लेह-लद्दाख के लोगों को कंपन महसूस हुई, जिससे लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई। अभी तक कोई जानमाल की हानि या संपत्ति के नुकसान की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है।

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    स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को सामान्य बताया है। न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने हल्के कंपन की बात कही और अपना अनुभव साझा किया। सामान्यत: 4.0 भूकंप को हल्की श्रेणी में रखा जाता है। विशेषज्ञों की माने तो मैग्नीट्यूड 4.0 का भूकंप 'हल्का' श्रेणी में आता है, जिसमें सतह पर मामूली कंपन होता है, लेकिन इमारतों को नुकसान अमूमन कम ही होता है।

    लेह को भूकंप जोन-IV में रखा गया है

    बता दें कि लद्दाख हिमालयी पट्टी का पार्ट है, जो भू-तकनीकी रूप से अत्यधिक एक्टिव इलाका है। यहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की टक्कर के कारण भूकंप आम हैं। लेह को भूकंप जोन-IV में वर्गीकृत किया गया है, जहां मध्यम से गंभीर भूकंपों का खतरा बना रहता है।

    साल 2025 में लद्दाख में अब तक 5 भूकंप 4.0 से अधिक तीव्रता के दर्ज किए गए हैं, जिसमें मार्च में 5.1 तीव्रता का सबसे मजबूत भूकंप शामिल है। ऐसे भूकंप क्षेत्र की भूगर्भीय स्थिरता को समझने में मदद करते हैं। 

    भूकंप आने पर क्या करें?

    राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। इस बात के प्रति सतर्क रहें कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिष्चित हो जाएं कि बाहर निकलना सुरक्षित है।