जम्मू-कश्मीर के डॉक्टरों की सोशल मीडिया प्रोफाइल भी रडार पर, दिल्ली ब्लास्ट के बाद अलर्ट मोड पर सुरक्षा एजेंसियां
दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। जम्मू-कश्मीर के डॉक्टरों की सोशल मीडिया प्रोफाइल की निगरानी की जा रही है। एजेंसियां सोशल मीडिया पर डॉक्टरों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता लगाया जा सके। दिल्ली विस्फोट के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाई गई है।

आतंकी मॉड्यूल का भड़ाफोड होने के बाद जम्मू-कश्मीर के अस्पतालों में लॉकरों की जांच (File Photo)
रोहित जंडियाल, जम्मू। दिल्ली में लाल किला के पास हुए धमाके और सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का भड़ाफोड होने के बाद जम्मू-कश्मीर के अस्पतालों में लॉकरों की जांच के साथ अब डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल पर भी नजर रखी जा रही है। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने अपने स्तर पर समितियां गठित कर जांच शुरू की है।
इसके लिए जल्द सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग की सहायता भी ली जा सकती है। दिल्ली धमाके के बाद हालांकि जम्मू संभाग के अस्पतालों में सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल में किसी भी स्वास्थ्य कर्मी का नाम नहीं जुड़ा है, लेकिन पूर्व में यहां भी कई बार भारत-पाकिस्तान के बीच हुए मैचों में नारेबाजी और इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट प्रसारित करने के मामले सामने आ चुके हैं। इसे देखते हुए जम्मू संभाग में भी अस्पताल प्रबंधन पूरी सतर्कता बरत रहा है।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में स्वास्थ्य कर्मियों की इंटरनेट प्रोफाइल और उन पर प्रसारित की जाने वाली पोस्ट पर भी नजर रखने के लिए एक पूरा तंत्र स्थापित किया जाएगा। दिल्ली धमाके के बाद जम्मू में श्री महाराजा गुलाब सिंह (एसएमजीएस) अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों को फिर से अलाट किए गए लाकरों में इस प्रकार की व्यवस्था की गई है कि संबंधित अधिकारी उन्हें कभी भी खंगाल सकते हैं। एक चाबी अस्पताल प्रबंधन के पास रखी गई है।
संदेह होने पर पुलिस अस्पताल प्रबंधन के सहयोग से किसी का रिकॉर्ड भी देख सकती है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दारा सिंह ने कहा कि हमने डेढ़ हजार लाकर की जांच की है। सब कुछ सामान्य है, लेकिन बीच-बीच में अचानक भी हम जांच करते रहेंगे। जम्मू के सरकारी मेडिकल कालेज (जीएमसी) अस्पताल में अभी लाकरों की जांच की प्रक्रिया चल रही है और ओपीडी में हर आने-जाने वालों की भी जांच हो रही है।
जीएमसी के एक वरिष्ठ डाक्टर ने कहा कि अपने स्तर पर हम सभी एहतियात बरत रहे हैं। सफेदपोश आतंक से डाक्टरों की छवि खराब हुई है। हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि अगर इस पेशे में कोई काली भेड़ें हैं तो उन्हें बाहर किया जा सके।

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