तवी की बाढ़ से जम्मू की रोप-वे पर भी फिरा पानी, पीरखोह स्टेशन में ढांचा क्षतिग्रस्त, जानें कब होगा शुरू
जम्मू में तवी नदी में आई बाढ़ से रोप-वे प्रोजेक्ट के पीरखोह स्टेशन को भारी नुकसान हुआ है जिससे पीरखोह से महामाया मंदिर तक का रोप-वे बंद है। बाढ़ से स्टेशन का फर्नीचर और ढांचा क्षतिग्रस्त हो गया है और मशीनरी को भी नुकसान पहुंचा है। फिलहाल नुकसान का सही आकलन नहीं हो पाया है लेकिन इस सेक्शन के शुरू होने में एक-दो महीने लग सकते हैं।

जागरण संवाददाता, जम्मू। एक सप्ताह पूर्व मंगलवार के ही दिन तवी नदी में आई विनाशकारी बाढ़ ने जम्मू के रोप-वे(केबल कार) पर भी पानी फेर दिया है। तवी में आई बाढ़ से इस रोप-वे प्रोजेक्ट के पीरखोह स्टेशन में भारी क्षति पहुंची है जिससे पिछले एक सप्ताह से पीरखोह से महामाया मंदिर तक का यह रोप-वे बंद पड़ा है।
गनिमत यह रही कि बाढ़ में तवी के बीचोबीच बने टावरों को किसी तरह की क्षति नहीं पहुंची है और तारें भी ठीक है लेकिन पीरखोह स्टेशन में बाढ़ का पानी घुसने से मशीनरी तक को नुकसान पहुंचा है। मौजूदा समय में भी इस स्टेशन में कई फुट तक गाद जमा है जिससे नुकसान का सही आकलन संभव नहीं हो पाया है।
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हालांकि रोप-वे का महामाया मंदिर से लेकर बाहूफोर्ट तक का दूसरा सेक्शन पूरी तरह से ठीक है और यहां ड्राई रन भी बीच-बीच में जारी है। पीरखोह सेक्शन में जिस तरह का नुकसान हुआ है, उससे फिलहाल एक-दो महीने तक यह सेक्शन शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे।
फर्नीचर व आफिस ढांचा बाढ़ की चपेट में आ गया
जेएंडके केबल कार कारपोरेशन के अधिकारियों के अनुसार पीरखोह स्टेशन में सारा फर्नीचर व आफिस ढांचा बाढ़ की चपेट में आ गया है। पार्किंग स्थल में कई फुट गाद जमा है। स्टेशन के ऊपर तक पानी चढ़ा था, इससे मशीनरी भी क्षतिग्रस्त होने की आशंका है।
अभी साफ-सफाई का ही काम चल रहा है। मौसम साफ होने पर ही क्षति का उचित आकलन हो पाएगा। इसके बाद इंजीनियर की टीम मौके पर आकर निरीक्षण करेगी, उसके बाद ही यह पता चल पाएगा कि यह सेक्शन दोबारा कब शुरू हो पाएगी।
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पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है प्रोजेक्ट
यूं तो अक्टूबर 2020 में शुरू हुई यह रोप-वे पिछले पांच साल से लगातार घाटे में ही चल रही है लेकिन जम्मू को पर्यटन की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह रोप-वे काफी महत्वपूर्ण है। देश के विभिन्न हिस्सों से श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जम्मू में यह केबल कार मुख्य आकर्षण है और सीजन में रोजाना यहां 250 से 300 लोग केबल कार की सैर करते हुए ऐतिहासिक पीरखोह मंदिर, बाहूफोर्ट स्थित काली माता के मंदिर व महामाया मंदिर के दर्शन भी करते रहे हैं।
दो सेक्शन में बंटी है रोप-वे
जम्मू-कश्मीर केबल कार कारपोरेशन की ओर से इस रोपवे प्रोजेक्ट का परिचालन किया जा रहा है। यह पूरी रोपवे दो सेक्शन में बंटी है। चालीस करोड़ रुपये की लागत से करीब 1.6 किलोमीटर लंबी इस केबल कार प्रोजेक्ट में तीन टर्मिनल बने है। पहला टर्मिनल पीरखोह, दूसरा महामाया पार्क और तीसरा बाहूफोर्ट में बना है।
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पर्यटक बाहूफोर्ट या पीरखोह से रोपवे में बैठ कर बावे वाली माता, एतिहासिक पीरखोह गुफा, महामाया मंदिर सहित अन्य स्थलों का नजारा ले सकते है। पीरखोह से महामाया पार्क तक रोपवे की लंबाई 1137 मीटर व महामाया पार्क से बाहूफोर्ट की लंबाई 453 मीटर है।
पीरखोह से महामाया तक की रोपवे में 14 कैबिन लगे है जबकि महामाया से बाहूफोर्ट तक की रोपवे में छह केबिन लगे है। प्रत्येक केबिन में छह लोगों के बैठने की क्षमता है।
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