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    राहत की खबर: जम्मू-श्रीनगर हाईवे आठ दिनों बाद आंखिक तौर पर खुला, हल्के व यात्री वाहनों की आवाजाही शुरू

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 05:38 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए अच्छी खबर है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे आठ दिनों के बाद आंशिक रूप से खुल गया है जिससे फंसे हुए यात्रियों को राहत मिली है। छोटे और हल्के वाहनों को ही फिलहाल अनुमति दी गई है। उधमपुर में भूस्खलन के कारण राजमार्ग बाधित था लेकिन मलबा हटाने के बाद इसे आंशिक रूप से खोला गया है।

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    जम्मू श्रीनगर हाईवे पर भारी वाहनों के लिए अभी भी रोक जारी रहेगी।

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे आठ दिनों बाद आंशिक रूप से खाेल दिया गया है। फिलहाल छोटे व हल्के वाहनों को हाईवे पर उतरने की इजाजत दी गई है। अधिकारी ने बताया कि छोटे वाहनों के निकलने के बाद हाईवे पर फंसे आवश्यक सामग्री लादे ट्रकों को निकलने की अनुमति दी जाएगी।

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    अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि उधमपुर जिले के थरद में भारी भूस्खलन के कारण लगातार आठ दिनों तक बंद रहने के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को यात्री वाहनों सहित हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के लिए आंशिक रूप से खोल दिया गया है।

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    इस खबर की पुष्टि करते हुए एक अधिकारी ने जानकारी दी कि हाईवे से काफी हद तक मलवा हटने के बाद लोगों को राहत देने के लिए यह फैसला लिया गया है।

    लगातार आठ दिनों से हाईवे बंद होने की वजह से जम्मू व कश्मीर घाटी में फंसे लोगों को काफी परेशानी हो रही थी। काफी तादाद में यात्री भी फंसे हुए थे। उन्हें राहत देने के लिए ही जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को यात्री वाहनों के लिए आंशिक रूप से खोला गया है।

    ट्रैफिक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह 9:20 बजे यात्री व हल्के वाहनों को सड़कों पर उतरने की अनुमति दे दी गई थी। हाईवे पूरी तरह से बहाल होने तक भारी वाहनों की आवाजाही फिलहाल स्थगित रहेगी।

    अधिकारी ने बताया कि दोपहर बाद जब सभी यात्री व छोटे वाहन निकल गए तो उसकेे बाद आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रकों को भेजना शुरू किया गया। सब्ज़ियां, मुर्गी, भेड़ आदि जैसी जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं से लदे ट्रकों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

    फिलहाल ऊधमपुर से श्रीनगर की ओर फंसे इन आवश्यक सामग्री वाले वाहनों को राजमार्ग पर आवाजाही की अनुमति दी गई है। हाईवे बंद होने की वजह से फलों से लदे 4500 से ज़्यादा ट्रक राजमार्ग पर फंस गए थे। ये वाहन कुलगाम के काजीगुंड और पुलवामा जिले के बीच घाटी में राजमार्ग के किनारे खड़े रहे।

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    ज़्यादातर फल उत्पादक शिकायत कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर के बाहर के बाज़ारों तक पहुंचने में देरी के कारण सेब के ताजा फल सड़ने लगे हैं। लगातार बारिश के कारण ऊधमपुर जिले के बली नाले में राजमार्ग का 250 मीटर से ज़्यादा हिस्सा बह गया है।

    यातायात विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चिकन, मांस और अन्य खराब होने वाली वस्तुओं सहित आवश्यक वस्तुओं से लदे यात्री वाहनों और ट्रकों को दोपहर बाद से ऊधमपुर से श्रीनगर की ओर जाने की अनुमति दे दी गई है।

    अधिकारियों ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने मंगलवार देर रात सड़क बहाली का काम पूरा कर लिया और सड़क को वाहनों के लिए उपयुक्त बनाने के लिए एक नया मार्ग बनाया। वाहनों की आवाजाही संभव बनाने के लिए बली नाले पर वैकल्पिक सड़क बनाने के लिए छह दिनों तक कर्मचारी और मशीनरी चौबीसों घंटे काम करते रहे।

    जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग चारों ओर से पहाड़ों से घिरे कश्मीर के लिए आपूर्ति की जीवनरेखा है। खाद्यान्न, सब्ज़ियां, पोल्ट्री उत्पाद, मटन, पेट्रोलियम उत्पाद सहित अन्य सभी आवश्यक आपूर्ति इसी राजमार्ग के माध्यम से घाटी में लाई जाती है।

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    एक अधिकारी ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं को लाने और ले जाने को लेकर स्थानीय लोगों के मन में जो अनिश्चितता बनी रहती है वह बहुत जल्द अतीत की बात हो जाएगी जब कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच रेल संपर्क पर मालगाड़ियां नियमित रूप से चलने लगेंगी।