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    जम्मू: दस दिवसीय झिड़ी मेला सांस्कृतिक रंगों के साथ संपन्न, उमड़ा 15 लाख श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 09:06 PM (IST)

    जम्मू में दस दिवसीय झिड़ी मेला सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ। लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के दरबार में आशीर्वाद प्राप्त किया। मेला अधिकारी पल्लवी मिश्रा ने बताया कि मेले में रोजाना एक लाख श्रद्धालु पहुंचे। कार्तिक पूर्णिमा पर यह संख्या और भी बढ़ गई। मेले में स्थानीय कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, और प्रतिभाशाली लोगों को पुरस्कृत किया गया।

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    जम्मू में दस दिवसीय झिड़ी मेला सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, जम्मू। उत्तर भारत का सबसे बड़ा किसान मेला, झिड़ी मेला वीरवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों व सम्मान समारोह के साथ सम्पन्न हो गया। प्रशासन का दावा है कि दस दिनों तक चले इस मेले में जम्मू-कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों से आए करीब 15 लाख श्रद्धालुओं ने बावा जित्तो व बुआ कौड़ी के दरबार में हाजिरी देकर आशीर्वाद लिया।

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    वीरवार की शाम बाबा जित्तो दरबार के निकट समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्रीय विधायक, प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान मेले में सहयोग के लिए पुलिस अधिकारियों को भी स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

    इससे पूर्व मेले के अंतिम दिन भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु बावा जित्तो के दरबार में पहुंचे और बावा जित्तो व बुआ कौड़ी का आशीर्वाद लेने के साथ वहां सजे बाजारों में खरीदारी की। बच्चों ने झूलों का आनंद उठाया तो वहीं बड़ों ने मेले के दौरान लगे डोगरी व्यंजनों का भी लुत्फ उठाया।

    मेला अधिकारी एसडीएम मढ़ पल्लवी मिश्रा ने समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दस दिनों तक मेले में 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। दस दिनों तक रोजाना करीब एक लाख श्रद्धालु बावा के दरबार में पहुंचे तो वहीं कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व में श्रद्धालुओं की संख्या कई गुणा अधिक रही।

    उन्होंने मेले के सफल आयोजन में सहयोग के लिए विभिन्न विभागों का आभार प्रकट किया। इससे पूर्व कई स्थानीय कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी। इस दौरान एक स्टेज आम लोगों के लिए बनाई गई थी जहां आकर कोई भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकता था।

    यहां भी दर्शकों की काफी भीड़ रही और काफी लोग अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए स्टेज पर आए। किसी ने गीत सुनाए तो किसी ने नृत्य करके लोगों का मनोरंजन किया। बाद में मेला अधिकारियों की ओर से ऐसे प्रतिभाशाली लोगों को भी पुरस्कृत किया गया।