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    एलजी सिन्हा ने किया ड्रीम स्कूल प्रोजेक्ट का उद्घाटन, कहा- 'सरकारी स्कूल भारत के शिक्षा सुधारों का भविष्य तय करेंगे'

    By Satnam Singh Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Mon, 27 Oct 2025 06:45 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 'ड्रीम स्कूल' परियोजना का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल भारत के शिक्षा सुधारों का भविष्य तय करेंगे। सिन्हा ने शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। 

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    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों की बात कही।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हम छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए एक पोषक और सशक्त वातावरण तैयार कर रहे हैं, जो उन्हें सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक रूप से समृद्ध बनाएगा और उन्हें भविष्य के आदर्श नागरिकों में परिवर्तित करेगा।

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    उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर, समावेशन, बेहतर आधारभूत ढांचा, युवाओं को सशक्त बनाना और शिक्षा को आधुनिक कौशल व तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

    उपराज्यपाल ने आज सोमवार को श्रीनगर के सरकारी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, कोठीबाग में ड्रीम स्कूल प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल भारत के शिक्षा सुधारों के भविष्य का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने बताया कि रोबोटिक्स लैब, स्टेम इनोवेशन सेंटर, स्मार्ट क्लासरूम, आधुनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों के लिए प्रोफेशनल डेवलपमेंट और समग्र शिक्षण वातावरण हर बच्चे की क्षमता को उजागर करेंगे।

    जानें क्या है ड्रीम स्कूल प्रोजेक्ट 

    ड्रीम प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर प्रशासन और फैजल एवं शबाना फाउंडेशन के बीच मार्च 2023 में हुए समझौते के तहत शुरू किया गया था। इस परियोजना के अंतर्गत फाउंडेशन ने स्कूल में अत्याधुनिक सुविधाओं वाला मिडिल स्कूल ब्लॉक तैयार किया है, जिसमें रोबोटिक्स और स्टेम लैब, सभी कमरों में एयर कंडीशनिंग, एक समर्पित लंच रूम, रसोईघर और स्टोर रूम शामिल हैं।

    यह प्रोजेक्ट यूएई इंडिया बिजनेस काउंसिल, यूएई चैप्टर के चेयरमैन फैजल ई कोटटिकोल्लोन द्वारा 2023 में श्रीनगर की यात्रा के दौरान की गई प्रतिबद्धता का परिणाम है। यह माडल केरल के प्रसिद्ध नदक्कवु स्कूल माडल पर आधारित है, जो पिछले पांच वर्षों से भारत के शीर्ष तीन सरकारी डे स्कूलों में शामिल रहा है।

    हर स्कूल नवाचार, समावेशन और प्रेरणा का केंद्र बने

    उपराज्यपाल ने कहा कि यह प्रोजेक्ट इस बात का प्रमाण है कि सरकार हर बच्चे को वैश्विक मानकों वाली शिक्षा देने और उन्हें बड़े सपने देखने का प्रगतिशील माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि जम्मू-कश्मीर का हर स्कूल नवाचार, समावेशन और प्रेरणा का केंद्र बने।

    उपराज्यपाल ने छात्रों को पांच मंत्र दिए जिसमें प्रेरणा खोजो,बड़ा सोचो,बड़े सपने देखो, शिक्षा यात्रा में साहस के साथ जोखिम उठाओ, करुणा और संवेदनशीलता के साथ कार्य करो, शामिल है। उन्होंने शिक्षकों और संस्थानों से आग्रह किया कि वे ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करें जो रचनात्मकता, जिज्ञासा, नवाचार और आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करे। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं केवल अंकों पर नहीं बल्कि मौलिकता, प्रयोग और सीखने की क्षमता पर आधारित होनी चाहिए।

    इस अवसर पर फैजल ई कोटटिकोल्लोन, शबाना फैजल, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव राम निवास शर्मा , विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव डा. अमन पुरी, सेवानिवृत्त मेजर जनरल शराफुद्दीन शराफ, पूर्व राजदूत संजय सुधीर, स्कूल शिक्षा विभाग कश्मीर के निदेशक डॉ. गुलाम नबी इट्टू, शिक्षण संस्थानों के प्रमुख, शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।