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    Mata Vaishno Devi Landslide: आंखों के सामने ही पहाड़ में समा गया परिवार, हादसे ने छीन लिए तीन अपने

    जम्मू में श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अर्ध-कुवारी मार्ग पर भूस्खलन से कई लोगों की जान चली गई। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए जीएमसी अस्पताल लाया गया जहाँ हृदयविदारक दृश्य देखने को मिला। बिहार निवासी पवन देवी अपने 14 रिश्तेदारों के साथ यात्रा पर थीं जिनमें से तीन की मौत हो गई और चार लापता हैं। परिजनों का दर्द और सदमा असहनीय था।

    By Dinesh Mahajan Edited By: Rahul Sharma Updated: Thu, 28 Aug 2025 04:22 PM (IST)
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    अर्ध-कुवारी मार्ग पर सुरक्षा के इंतज़ाम करने की ज़रूरत है।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग के अर्ध-कुवारी मार्ग पर बीते मंगलवार को हुए भीषण भूस्खलन ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं।

    इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के शवों को उनके पैतृक घर भेजने से पहले जम्मू के जीएमसी अस्पताल के मुर्दाघर लाया गया, जहां उनका पोस्टमार्टम और इंबामिंग की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान शवों के साथ आए परिजनों काे देख कर अस्पताल का माहौल गमगीन बन दिया।

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    सबसे हृदयविदारक दृश्य तब देखने को मिला जब समस्तीपुर, बिहार निवासी पवन देवी अपने परिजनों का अंतिम दर्शन करने के लिए अस्पताल पहुंचीं। पवन देवी की आंखों से आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे।

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    14 रिश्तेदारों के साथ माता के दरबार आई थी पवन देवी

    उन्होंने बताया कि वे बीते रविवार को अपने 14 रिश्तेदारों के साथ माता के दरबार के लिए घर से निकली थीं। यात्रा उत्साह और भक्ति से भरी हुई थी, लेकिन अर्ध-कुवारी मार्ग पर अचानक आए भूस्खलन ने सब कुछ बदल दिया।

    पवन देवी ने बताया कि जैसे ही अर्ध-कुवारी मार्ग पर पहुंचे तो अचानक जोरदार धमाका हुआ और देखते ही देखते पहाड़ का एक हिस्सा धंसकर यात्रा मार्ग पर गिर पड़ा। आंखों के सामने बेटी, बहन और बहन का बेटा मलबे में दब गए। उन्हें बचाने के लिए चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन सबकुछ पलों में खत्म हो गया।

    तीन रिश्तेदारों की मौत हो गई, चार अभी भी लापता

    उन्होंने बताया कि इस हादसे में जहां उनके तीन अपनों की मौत हो गई, वहीं उनके साथ आए चार रिश्तेदारों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। इस अनिश्चितता ने उनका दर्द और बढ़ा दिया है।

    पवन देवी के साथ उनके पति मोहन राय भी अस्पताल में मौजूद रहे, जो पत्नी को संभालने की कोशिश करते दिखे, लेकिन उनकी आंखों से छलकते आंसू भी उनके गहरे दर्द को बयां कर रहे थे।

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    किसी ने भाई खोया तो किसी ने बेटा और बहू

    इस पूरे घटनाक्रम में अन्य मृतकों के परिजनों की स्थिति भी बेहद खराब रही। किसी ने भाई खोया तो किसी ने बेटा और बहू। जीएमसी मुर्दाघर में मौजूद हर व्यक्ति के चेहरे पर गम और सदमे की लकीरें साफ नजर आ रही थीं। 

    स्थानीय प्रशासन ने शवों की पहचान और औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उन्हें उनके पैतृक स्थानों की ओर रवाना करने की तैयारी शुरू कर दी। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई।

    अर्ध-कुवारी मार्ग पर सुरक्षा के ठोस इंतजाम करने की जरूरत

    यह हादसा न केवल मृतकों के परिवारों के लिए बड़ी क्षति है बल्कि पूरे क्षेत्र को भी झकझोर गया है। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों का कहना है कि अर्ध-कुवारी मार्ग पर सुरक्षा के ठोस इंतजाम किए जाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोका जा सके। 

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