पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने उमर अब्दुल्ला सरकार पर उठाए सवाल, कहा- 'एक साल में कितने वादे पूरे किए?'
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला की सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि उन्होंने एक साल में कितने वादे निभाए। उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और जम्मू-कश्मीर के लोगों की समस्याओं पर ध्यान देने का आग्रह किया।

प्रदेश के लोग अभी भी अपने मुद्दों के हल होने का इंतजार कर रहे हैं।
डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हर सवाल का जवाब देने के बजाय, लोगों के पास जाकर बताना चाहिए कि उन्होंने कितने वादे किए और साल भर में कितने मुद्दों का समाधान किया।
जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री अक्सर सार्वजनिक बयानों में पीडीपी का ज़िक्र करते हैं। "शासन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय वह पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तरह बार-बार पीडीपी का जिक्र करते हैं।"
मुफ्ती ने स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर भी बात की और कहा कि सीएम अब्दुल्ला पहले इनका विरोध करते थे लेकिन अब इन्हें लगाने का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि गैस सिलेंडर वितरण से जुड़े वादे पूरे नहीं हुए हैं और गैस की कीमतें और बेरोज़गारी बढ़ गई है।
पीडीपी ने प्रभावित परिवारों की मदद की कोशिश की
कश्मीर में कैदियों के बारे में मुफ्ती ने कहा कि पीडीपी ने परिवारों की मदद करने की कोशिश की थी। "जब सभी दरवाजे बंद थे, तब हमने ही अधिकारियों से संपर्क किया था। एक परिवार है जिसका पिता अंधा है। हद तो यह है कि कैद में रखा गया कैदी भी अंधा है। उसकी छोटी बहनें हैं। कैदी बिना किसी अपराध के 7-8 साल से जेल में है। हमें न्याय के लिए अदालत जाना पड़ सकता है।"
अब मीटर न लगाने वालों को बिजली चोर माना जा रहा
मुफ्ती ने बिजली और ज़मीन संबंधी नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया था, उन्हें अब मीटर न लगाने के कारण "बिजली चोर" माना जा रहा है। इसी तरह, दशकों से सरकारी जमीन पर रहने वालों को जमीन हड़पने वाला करार दिया जा रहा है। पीडीपी ने दिहाड़ी मजदूरों और जमीन मालिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए विधेयक पेश किए थे।
पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर बात करते हुए मुफ्ती ने कहा, "मुख्यमंत्री ने हाल ही में दावा किया था कि बर्खास्तगी प्रक्रिया पर पहला हस्ताक्षर मेरा था क्योंकि मैं उस समय मुख्यमंत्री थी। तब उमर साहब ने क्या किया? उन्होंने कोई चिंता नहीं जताई और न ही सबूत मांगे।"
एक साल में उमर सरकार ने मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया
महबूबा मुफ्ती ने उमर अब्दुल्ला की प्रशासनिक प्राथमिकताओं पर भी सवाल उठाए और कहा कि उपचुनावों के लिए क्षेत्रों का दौरा करने के बावजूद, पिछले एक साल में उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया। मुफ्ती ने कहा कि मंत्रियों ने एक सीट पर ध्यान केंद्रित किया जबकि व्यापक प्रशासनिक चिंताओं का समाधान नहीं किया गया।
मुफ्ती ने अब्दुल्ला से प्रशासन और शासन पर सरकार की कार्रवाई स्पष्ट करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पीडीपी ने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाए हैं और निवासियों को प्रभावित करने वाले मुद्दों के समाधान के लिए विधायी उपाय जारी रखने की योजना बना रही है।

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