लेह हिंसा मामले में नया अपडेट, लोगों के बयान देने की अंतिम तिथि 8 दिसंबर तक बढ़ी
लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग ने बयान देने की समय सीमा 8 दिसंबर तक बढ़ा दी है। एपेक्स बाडी ने लोगों से बिना डर के बयान दर्ज कराने का आग्रह किया है। पीड़ितों के परिवारों के लिए क्राउड-फंडिंग शुरू की गई है, जिसमें पारदर्शिता का वादा किया गया है। समुदाय से निष्पक्ष जांच के लिए एकजुट होने की अपील की गई है।

अब आठ दिसंबर तक लेह हिंसा मामले में लोग दे सकते हैं अपने बयान। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, लेह। लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा के मामले में जांच की समयसीमा को दस दिनों तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अब हिंसा को लेकर कोई भी अपना बयान आठ दिसंबर को न्यायिक जांच आयोग के समक्ष दर्ज करवा सकता है।
लेह में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में एपेक्स बाडी ने बताया कि न्यायिक जांच आयोग ने 24 सितंबर की घटना से संबंधित बयान, दस्तावेज और साक्ष्य जमा करने की समयसीमा में 10 दिनों का अतिरिक्त विस्तार दिया है। अब जनता के लिए अपनी जानकारी और सामग्री जमा करने की अंतिम तारीख 8 दिसंबर निर्धारित की गई है।
इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस चौहान कर रहे हैं।उपेक्स बाडी ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे बिना किसी खौफ के अपने बयान दर्ज करवाने के लिए आएं। एपेक्स बाडी ने मृतक के परिवार और घायलों की सहायता के लिए क्राउड-फंडिंग अभियान भी शुरू किया है।
उन्होंने आधिकारिक बैंक विवरण और क्यूआर कोड जारी करते हुए लोगों से योगदान करने की अपील की। बाडी ने कहा कि हर दान को पूर्ण पारदर्शिता के साथ प्रबंधित किया जाएगा। समुदाय की भागीदारी को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए एपेक्स बाडी ने निवासियों से सक्रिय रूप से प्रक्रिया में शामिल होने और निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच की मांग में एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि न्याय तभी संभव है जब समाज प्रभावित परिवारों का सामूहिक रूप से साथ दे।

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