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    'उस समय विरोध क्यों नहीं किया...', जम्मू-कश्मीर में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष पर बरसे उमर अब्दुल्ला

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 03:21 PM (IST)

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्वीकार किया कि जम्मू में बाढ़ से कश्मीर से अधिक नुकसान हुआ है और केंद्र को प्रस्ताव सौंपा गया है। उन्होंने आरक्षण नीति को 50% की सीमा के भीतर रखने की बात कही और इस मुद्दे पर विरोधियों की आलोचना की। उमर ने भाजपा पर वंशवादी राजनीति को लेकर कटाक्ष किया और जम्मू के लिए राहत पैकेज की उम्मीद जताई।

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    जम्मू में कश्मीर से ज्यादा बाढ़ का नुकसान: उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में बाढ़-बारिश से जम्मू में कश्मीर की तुलना में ज्यादा नुकसान के तथ्य को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि हमने नुकसान के आकलन के एक आधार पर प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को सौंप दिया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की आरक्षण नीति को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किसी सूरत में आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा न होने के संदर्भ में दिए फैसले के अनुरूप बनाएंगे।

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    इसके साथ उन्होंने सचिवालय में उमर ने आरक्षण मुद्दे पर विरोधियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस के कार्यकाल में यहां आरक्षण नीति में बदलाव नहीं हुआ। उन्होंने पीडीपी व पीपुल्स कान्फ्रेंस का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग यहां ओपन मेरिट, सामान्य वर्ग के ठेकेदार बने घूम रहे हैं, जो मेरे घर के बाहर धरना देने आए थे, उस समय कहां थे, जब यहां आरक्षण कोटा बढ़ाया जा रहा था। उस समय इन लोगों ने क्यों विरोध नहीं किया, उस समय यह लोग राजभवन क्यों नहीं गए।

    यह उस समय पूरी तरह चुप रहे। उमर ने कहा कि हम आरक्षण के मुद्दे पर कुछ भी नहीं छिपा रहे हैं। अगर हमने कुछ छिपाना होता तो हम इस मुद्दे को उठाते नहीं। हमने इसे अपने चुनाव घोषणापत्र में शामिल किया और उसके बाद अन्य दलों ने भी इस पर बोलना शुरू कर दिया।

    कैबिनेट उप समिति की रिपोर्ट आ चुकी है। हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में आरक्षण किसी भी सूरत में 50 प्रतिशत की तय की गई अधिकतम सीमा से ज्यादा न हो। बाढ़ राहत पैकेज पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वर्ष 2014 में कश्मीर में ज्यादा नुकसान हुआ था,लेकिन इस बार जम्मू में कश्मीर की तुलना में कहीं ज्यादा नुकसान हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही जम्मू प्रांत के लिए एक व्यावहारिक पैेकेज केंद जारी करेगा।

    बड़गाम और नगरोटा विधानसभा उपचुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि एक सीट बड़गाम पहले भी हमारे पास थी और इस बार भी हमारे पास ही रहेगी। नगरोटा सीट पर भी हमारा प्रदर्शन शानदार रहेगा। एक बात जरूर है, कि भाजपा वाले कभी भी खानदानी सियासत और खानदानी राज के खिलाफनहीं हैं।

    यह सिर्फ अपने विरोधियों को लेकर खानदानी राज और सियासत के खिलाफ होते हैं,लेकिन अपने लिए नहीं। उनका इशारा नगरोटा से चुनाव लड़ रही भाजपा उम्मीदवार देवयानी राणा की तरफ थाजो पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा की पुत्री हैं। उमर अब्दुल्ला ने कहाकि नगरोटा ने साबित कर दिया है कि भाजपा काे खानदानी सियासत से कोई परेशानी नहीं है।