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    J&K News: एक ओर बाढ़ तो दूसरी तरफ गोले दागने वाला पाकिस्तान, बॉर्डर के आसपास रहने वाले लोगों का जीनव अस्त-व्यस्त

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 10:30 PM (IST)

    जम्मू के सीमांत क्षेत्रों में बाढ़ और गोलाबारी से लोग परेशान हैं। प्लांवाला-खौड़ में 26 अगस्त को आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई जिससे हजारों लोग विस्थापित हो गए। घरों पशुधन और उपजाऊ जमीन का भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को स्थायी पुनर्वास की दिशा में कदम उठाना चाहिए ताकि उन्हें पाकिस्तानी गोलाबारी और बाढ़ का सामना न करना पड़े।

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    बॉर्डर पर बुरे फंसे सीमा के आसपास रहने वाले लोग। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू के सीमांत क्षेत्रों में बसने वाले सीमांतवासी दो पाटों के बीच पिसने के लिए मजबूर हो गए हैं। एक ओर बाढ़ से हुई बर्बादी है तो दूसरी ओर अकारण गोलेाबारी करने वाला पाकिस्तान है। दोनों ही सीमांत वासियों को घर छोड़ने के लिए मजबूर कर देते हैं।

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    इस बार तो बाढ़ ने हद ही कर दी। जम्मू के प्लांवाला- खौड़ क्षेत्र में 26 अगस्त को आई भीषण बाढ़ ने इस क्षेत्र में भारी तबाही हुई। पानी पहली मंजिल तक पहुंच गया व 4,000 लोग विस्थापित हो गए। हजार के करीब लोगों को जान बचाने के लिए घरों से भागना पड़ा।

    अब बदले हालात में सीमांत वासी यह सोचने के लिए मजबूर हो गए हैं कि उनका भविष्य क्या है। सीमा पर बन रहे हालात में बच्चे क्या करेंगे।

    प्लांवाला-खौड़ क्षेत्र में सीमांत वासियों पर दुखों का पहाड़ टूटा है। घरों का सामान तबाह हो गया है, माल मवेशी का नुकसान हुआ है व नदी में आई बाढ़ से उपाजाउ जमीन का भी कटाव हो गया है। सड़कों, पुलों का भी भारी नुकसान पहुंचा है।

    गिरगिरयाल के रहने वाले 71 वर्षी संतोक सिंह का कहना है कि सीमा पर गोलाबारी व बाढ़ का सामना करना हमारे लिए कोई नई बात नही है। लेकिन इस बार बाढ़ से जो बर्बादी हुई है वह मैने अपने जीवन में पहली बार देखी।

    उनका कहना है कि भारी बाढ़ के कारण इस बार सीमांत वासियों के सामने मौत नाच रही थी। अगर बाढ़ से बचाने के लिए सेना के जवान हम तक नही पहुंचते तो शायद हम आज जिंदा नहीं होते। चिनाब नदी में बाढ़ से हमारे इलाकों में उपजे हालात भयानक थे।

    प्लांवाला- खौड़ क्षेत्र की लगभग 20 बस्तियां इस बार विनाशकााी बाढ़ की चपेट में आई। इनमें गिगरियाल, हमीपुर, नई बस्ती नरेणा, प्लांवाला , दग चन्नी, पलातन, मोल्लू, सजवाल कुल्ले, चानी व नई बस्ती शामिल हैं। इन गांवों में बाढ़ से भारी तबाही के नुकसान है।

    खौड़ के तहसीलदार रंजीत सिंह के अनुसार इलाके में 300 से अधिक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों के लिए स्कूलों व अन्य स्थानों में राहत शिविर स्थापित किए हैं। वहां पर लोगों के लिए खाने, पीने आदि की व्यवस्था की गई है।

    वहीं गिगरियाल के सुरेन्द्र कुमार का कहना है कि सीमा से सटे इलाकों के हालात अब बद से बदतर होते जा रहे हैं। सीमांतवासी फंस गए हैं। एक ओर से पाकिस्तान हम पर गोले बरसाता है तो दूसरी ओर बाढ़ तबाही ला रही है। इन हालात में सीमा से सटे गांवों में लोगों का जीवन अब बहुत मुश्किल हो गया है। बेहतर होगा कि हमें स्थायी रूप से कहीं और बसाया जाए।

    ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1999 के बाद से पाकिस्तान की ओर से सीमांत इलाकों पर पाकिस्तान ने गोले दागने में कोई कमी नही की है। वहीं प्लांवाला- खौड़ क्षेत्र में वर्ष 1984 से 2023 तक कई बार बाढ़ ने मुश्किल हालात पैदा किए।

    लोगों को जान बचाने के लिए घर छोड़ने पड़े। उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि सरकार स्थायी पुनर्वास की दिशा में ठोस कदम उठाए। हमे किसी एेसी जगह पर बसाया जाना चाहिए यहां पर हमारे आगे की पीढ़ियों को पाकिस्तानी की गोलाबारी व बाढ़ के कारण मुश्किलों का सामना न करना पड़े।

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