In Pics: हर तरफ तबाही का मंजर छोड़ गई बारिश-बाढ़, अब कहर थमते ही सामान इकट्ठा करने में जुटे हैं लोग
जम्मू में बारिश के बाद तबाही का मंजर दिखाई दिया। निचले इलाकों में पहाड़ियां खिसकने और तवी नदी में बाढ़ से लोगों को भारी नुकसान हुआ। सिद्दड़ा से निक्की तवी तक हर तरफ तबाही मची है और लोग अपने घरों से सामान निकालने में लगे हैं। प्रशासनिक अधिकारी नुकसान का जायजा लेने निकले पर स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वापस लौट गए।
जागरण संवाददाता, जम्मू। बुधवार को जब बारिश का सिलसिला थमा तो शहर के सभी निचले इलाकों में सिवाय तबाही के कुछ नजर नहीं आया। कहीं पर पहाड़ियां खिसकने से भारी तबाही हुई थी तो कहीं तवी नदी की बाढ़ का पानी गली-मोहल्लों व लोगों के घरों में घुसने से लोगों का लाखों का नुकसान हुआ था।
सिद्दड़ा से लेकर निक्की तवी से सटे गांवों तक हर तरफ ऐसे तबाही के मंजर देखने को मिले। आज वीरवार को भी असहाय लोग अपने घरों से बचा सामान इकट्ठा करने में जुटे हुए हैं।
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मौसम खुला तो प्रशासनिक अधिकारी भी बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने निकले लेकिन वो भी गली-मोहल्लों में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।
गुज्जर नगर के पुल पर से ही गुज्जर नगर और प्रेम नगर में हुई तबाही का मंजर देखकर और चौथे पुल को पहुंचे नुकसान को देखकर लौट गए।
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उधर लोग दिन भर इंतजार करते रहे कि शायद प्रशासन की तरफ से कोई आएगा और उनकी मदद करेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोग दिन भर खुद ही अपने घरों में घुसे पानी और गंदगी को निकालने में लगे रहे।
शहर के पीरखोह में जहां एक तरफ तवी की बाढ़ का पानी घुसा, वहीं पहाड़ी खिसकने से पूरा इलाका मलबे के ढेर में बदल गया है। यहां पार्किंग में लगी दर्जनों गाड़ियां मलबे में तबदील हो गई है।
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गली-मोहल्लों में एक से दो फुट कीचड़ भरा है। दोपहर तक जब प्रशासन की ओर से यहां कोई सुध लेने नहीं पहुंचा तो गुस्साएं लोगों ने सड़क पर आकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
उधर पंजतीर्थी से सिद्दड़ा की ओर जाने वाला मार्ग भी पस्सियां गिरने से बंद था जिसे बुधवार को आंशिक रूप से खोला गया और वाहनों की आवाजाही बहाल की गई। तवी किनारे शमशान घाट के साथ बसे प्रेम नगर में भी भारी तबाही हुई है।
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यहां दर्जनों घर है जिसमें दिहाड़ीदार लोगों ने अपना बसेरा बनाया हुआ था और यहां सबकुछ बर्बाद हो गया है। बेलीचराना की बशीर बस्ती में दर्जन भर इमारतें बाढ़ में बह गई है। यहां कुछ दुकानें थी जिनमें लाखों का सामान था जो मंगलवार की रात बाढ़ में बह गया।
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