जम्मू-कश्मीर: टेरर फंडिग मामले में ED का एक्शन, पूर्व मंत्री बाबू सिंह के ठिकानों पर छापामारी
प्रवर्तन निदेशालय और जीएसटी खुफिया महानिदेशालय ने कठुआ में पूर्व मंत्री बाबू सिंह के परिसरों पर ड्रग्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की। यह मामला 2022 में सामने आया था, जिसमें बाबू सिंह पर अलगाववादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने का आरोप है। जांच में नार्को-टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ, जिसके जरिए दुबई के रास्ते पाकिस्तान में आतंकवादियों तक पैसा पहुंचाया जा रहा था।

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जागरण संवाददाता, कठुआ। प्रवर्तन निदेशालय व जीएसटी खुफिया महानिदेशालय की टीम ने वीरवार संयुक्त रूप से पूर्व मंत्री बाबू सिंह के कठुआ स्थित परिसर में ड्रग्स से जुड़े धन शोधन की जांच के सिलसिले में एक साथ छापेमारी की।
सूत्रों ने बताया कि यह मामला मादक पदार्थों से जुड़े धन शोधन से संबंधित है, जिसका पता सबसे पहले मार्च 2022 में चला था। जम्मू के वेयरहाउस से मोहम्मद शरीफ शाह नाम के एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया। जिसके पास से 6.69 लख रुपये बरामद किए गए। ये पैसा बाबू सिंह को दिया जाना था।
पूछताछ में क्या पता चला?
पूछताछ में पता चला कि इस धन का उद्देश्य जम्मू में अलगाववाद और अलगाववादी समूहों को विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वित्तपोषित करना था। पता चला कि बाबू सिंह इस पूरे नेटवर्क में शामिल था। जो जम्मू कश्मीर को एक अलग देश बनाने की साजिश रच रहा था।
बाबू सिंह गिरफ्तार हुआ। अब फिलहाल जमानत पर है। वीरवार सुबह करीब 7 बजे टीम बाबू सिंह केे घर पहुंची। स्थानीय पुलिस ने बाबू सिंह को घेर लिया। छापे के दौरान बाबू सिंह घर नहीं थे। टीमों ने उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की।
बैंक खातों, संपित्तयों से संबंधित दस्तावेज जांचे। शाम करीब 5 बजे तक जांच चली। जांच टीम जाते वक्त कई तरह के दस्तावेज अपने साथ ले गई। बाबू सिंह सैफ दीन, फारूक अहमद नाइकू, मुबाशिर मुश्ताक फाफू के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित गुर्गे विध्वंसक गतिविधियों के लिए धन जुटाने हेतु एक नार्को-आतंकवादी मॉड्यूल चला रहे थे।
दो करोड़ रुपये की राशि स्थानीय बैंक खातों में जमा की गई
नाइकू ने एक नार्को-टेरर फंडिंग नेटवर्क का संचालन किया, जिसके तहत 2021-22 के दौरान पाकिस्तान से तस्करी करके लाई गई हेरोइन भारत में बेची गई और इन बिक्री से प्राप्त नकदी 2 करोड़ रुपये से अधिक श्रीनगर के स्थानीय बैंक खातों में जमा की गई।
धनराशियों को दुबई में काम करने वाले भारतीय नागरिकों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया, जो धन के स्रोत को छिपाने के लिए अवैध वाहक के रूप में काम करते थे। अपराध की आय को दुबई में निकाला और जमा किया गया और आगे पाकिस्तान से सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों तक पहुंचाया गया।
एसआईए ने हवाला धन मामले में पूर्व मंत्री सहित 12 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था और आतंकवाद के वित्तपोषण में उसके शामिल होने वाले सीमा पार से मादक पदार्थ सिंडिकेट की आगे की जांच चल रही है।

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