Jammu and Kashmir: हर तरफ दिख रहे प्राकृतिक आपदा के जख्म, आसमान में बादल देखकर सहम जा रहे लोग
बसोहली में लगातार बारिश से तबाही मची है। सरकारी भवन और घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हर पंचायत में आपदा के निशान हैं बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित है। भूस्खलन से सड़कें बंद हैं जिससे लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। विश्वस्थली किला और एक स्कूल भी तबाह हो गए हैं। कई परिवार बेघर हो गए हैं और तिरपाल में रहने को मजबूर हैं।

संवाद सहयोगी, बसोहली। पिछले एक सप्ताह से बसोहली उपजिला में लगातार हो रही बारिश ने क्षेत्र में व्यापक तबाही मचाई है। सरकारी भवनों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों के घरों को भी भारी नुकसान हुआ है। बसोहली उपजिला की लगभग हर पंचायत में प्राकृतिक आपदा के जख्म स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। आलम यह है कि बारिश का कहर हर गांव, हर पंचायत और हर मोड़ पर महसूस किया जा रहा है।
सरकारी भवनों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। बिजली ढांचा लगभग चरमरा गया है। पानी की ग्रेविटी पाइपलाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। बसोहली से महानपुर सड़क पर दन्नी कर्णवाड़ा में भूस्खलन जारी है, जिससे लोग दलदल को पार कर वाहन पकड़ने को मजबूर हैं।
पीडब्ल्यूडी विभाग की मशीनें हर रोज सड़क को साफ करने में जुटी हैं, लेकिन रात को फिर से भूस्खलन के कारण उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है। बसोहली क्षेत्र में जंदरैली नगाली वाया सियालग सड़क पर सफाई का कार्य चल रहा है। धार महानपुर सड़क पर मलबे की सफाई का काम जारी है, जबकि माश्का सड़क पर मलबे को साफ करने की योजना अभी खटाई में है।
बसोहली बनी सड़क, जो ग्रेफ के अधीन है, टिकरी गांव में भूस्खलन के कारण नये सिरे से बनाने के लिए मशीनरी लगी हुई है। महानपुर से कठुआ सड़क पर छोटे वाहनों के लिए नड नाले पर बने पुल को फिर से खोला गया है। बिजली सेवा भी चरमरा गई है, जहां 33 केवी और 11 केवी लाइनें भूस्खलन की चपेट में आ गई हैं।
550 साल पुराना बसोहली का विश्वस्थली किला भी भूस्खलन की चपेट में आया है, जिससे माडल मिडिल स्कूल, जो लगभग 75 वर्ष पुराना था, पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। यदि आने वाले दिनों में जोरदार बारिश होती है, तो महलों का मलबा रामलीला मैदान में आ सकता है, जिससे बसोहली कस्बे की 11 केवी लाइन पूरी तरह ध्वस्त हो सकती है।
हालात यह है कि बसोहली उपजिला की हर पंचायत में प्राकृतिक आपदा के जख्म देखे जा सकते हैं। लोग जब भी आसमान पर बादल देखते हैं तो लोग सहम जा रहे हैं। पंचायत जानु, भूंड भीकड़, हट्ट, द्रमण, सांधर, डोडला, जंदरैली, सियालग, सैलो भीकड़, नगाली, धार झेंखर, घगरोड़, पलाही, प्रेहता, पूंडा पलासी आदि में दर्जनों घर भूस्खलन की भेंट चढ़ गए हैं।
बहरहाल, बसोहली उप जिला में लगभग 544 मकानों को नुकसान पहुंचा है। धार महानपुर पंचायत में स्थिति भयावह है, जहां लोग अपने घरों को छोड़कर तिरपाल के साये में रात बिताने को मजबूर हैं।
कच्चे मकान गिर रहे हैं और पक्के मकान भी टपकने लगे हैं। वार्ड नंबर 8 के वरिष्ठ नागरिक ज्ञान चंद ने कहा कि उन्होंने अपना मकान अपने खून-पसीने से बनाया है और अब उसे छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
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