हीरानगर में हाईमास्ट लाइटें बनी शोपीस, अंधेरे में डूबे चौक-चौराहे, क्या है इसके पीछे का कारण?
जम्मू-कश्मीर के हीरानगर में हाईमास्ट लाइटें खराब होने से चौक-चौराहे अंधेरे में डूबे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लाइटें खराब पड़ी हैं और इनकी मरम्मत नहीं हो रही है। अंधेरे के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।

लोगों ने प्रशासन से जल्द मरम्मत कराने की मांग की है।
संवाद सहयोगी, जागरण, हीरानगर। कस्बे के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के कुछ गांवों के चौक-चौराहों पर जन प्रतिनिधियों द्वारा लगाई गई हाईमास्ट लाइटें अब शोपीस बनकर रह गई हैं। रखरखाव और मरम्मत के अभाव में अधिकांश लाइटें बंद पड़ी हैं, जिससे रात के समय अंधेरा छाया रहता है और लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार हीरानगर कस्बे के साथ ही चडवाल दयाला चक चकडा, कूंथल, चकभगवाना सहित अन्य केई गांवों में हाइमास्ट लाइटें लगाई गई थी। तब चौक-चौराहे रोशनी से जगमगा उठते थे और रात के समय पुलिस व सुरक्षा बलों को भी निगरानी रखने में काफी सुविधा होती थी। लेकिन अब कई लाइटों की मरम्मत नहीं हुई और बंद पड़ी हुई हैं। हालांकि कस्बे में म्यूनिसिपल कमेटी ने कुछ लाइटें ठीक करवाई थी लेकिन अभी भी अधिकांश बंद है। इन लाइटों पर खर्च किया गया सरकारी फंड भी अब व्यर्थ साबित हो रहा है।
रात को अंधेरा रहने से बढ़ी चोरी की घटनाएं
क्षेत्र निवासी दर्शन लाल, मनोहर लाल, रमेश कुमार, जनक राज का कहना है कि वर्तमान में कस्बों गांवों में चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। आए दिन कही ना कही चोरी की घटनाएं हो जाती हैं। ऐसे में अगर हाइमास्ट लाइटों की मरम्मत करवाई जाए और कुछ जगहों पर सोलर लाइटें लगाई जाएं तो।
लोगों, सुरक्षा बलों को भी रात के समय निगरानी करने में आसानी होगी।खास कर सीमावर्ती क्षेत्र में नालों के किनारे मार्गों पर लाइटें लगाने से रात के समय निगरानी करने में सुविधा हो सकती है और दुर्घनाओं पर भी रोक लगाई जा सकती है।
लाइटों की तुरंत मरम्मत करवाई जाए
क्षेत्रवासियों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि इन हाईमास्ट लाइटों की तुरंत मरम्मत करवाई जाए या फिर उनकी जगह सोलर स्ट्रीट लाइटें स्थापित की जाएं। वहीं म्यूनिसिपल कमेटी के सेंटरी इंस्पेक्टर सुरजीत कुमार का कहना है कि कस्बे में बीस के करीब हाइमास्ट लाइटों को ठीक करवाया गया था। कुछ जगहों पर स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं।
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