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    पाकिस्तान की बौखलाहट के बाद जिला पुंछ नियंत्रण रेखा पर दहशत, अपने खर्च पर शुरू किया बंकरों का निर्माण

    By Bhopinder Singh Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Fri, 21 Nov 2025 01:47 PM (IST)

    नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की उकसावे वाली हरकतों से सीमावर्ती इलाकों में डर का माहौल है। पाकिस्तानी सेना बिना किसी कारण गोलीबारी कर रही है, जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं। अपनी सुरक्षा के लिए, लोग अपने खर्च पर बंकर बना रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन उनकी मदद नहीं कर रहा है।

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    लोगों को इस बात का डर है कि ऑपरेशन सिंदूर 0.2 सर पर मंडरा रहा है।

    संवाद सहयोगी, जागरण. पुंछ। दिल्ली में हुए धमाके के बाद नियंत्रण रेखा से सटे गांव के लोग दहशत में है। वहीं सीमा पर बने तनाव के बीच लोगों को बंकरों की कमी सता रही है। जिले की भारत-पाकिसान नियंत्रण रेखा के निकट बसे गांवों के लोगों द्वारा अपने खर्च पर बंकरो का निर्माण शुरू कर दिया है।

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    स्थानीय निवासी मुहम्मद बशीर, राज कुमार, दिनेश शर्मा, कुलदीप सिंह, शेर खान आदि का कहना है की पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना और भारत सरकार द्वारा जिस तरह पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई थी और बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने रिहायशी इलाकों को निशाना बना कर जिस तरह गोलीबारी की थी जिस में पुंछ जिले के बेगुनाह लोगों ने अपनी जान गवाई थी।

    अगर उस समय हमारे पास बंकर होते तो इतना नुकसान नहीं होता। हालांकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोगों द्वारा बंकरों की मांग को जिला प्रशासन के साथ एलजी प्रशासन और दिल्ली सरकार तक उठाई गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुंछ दौरे के दौरान उन्हें अवगत करवाया गया था सरकार द्वारा नियंत्रण रेखा से सटे पुंछ जिले में बंकर बनवाने के आश्वासन दिए गए थे, लेकिन आज तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और ऑपरेशन सिंदूर 0.2 सर पर मंडरा रहा है, लेकिन जिला वासी आज भी बंकरों से वंचित हैं।

    दिल्ली धमाके के बाद एक बार फिर पाकिस्तान की तरफ से हालत गंभीर बने हुए हैं और अगर नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम या गोलाबारी होती है तो हमारे पास बचने के लिए बंकरों की सहूलियत नहीं है जिसे देखते हुए और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर अपने खर्च पर बंकरों का निर्माण शुरू करवाया गया है। ताकि गोलाबारी के दौरान अपनी जान बचाई जा सके।

    स्थानीय लोगों के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वह लोग दो दिन तक अन्य लोगों के बंकरों में छिपे थे। लेकिन गोलाबारी ज्यादा दिन चलतीं है तो हम लोगो को भारी परेशानी उठानी पड़ सकतीं थी ऐसे में यदि जंग के हालात दोबारा बनते हैं तो उनका क्या होगा, वह लोग परिवारों की सुरक्षा कैसे करेंगे इन सब को देखते हुए पुंछ जिले के नगर से लेकर गांव तक लोगों ने अपने खर्च पर बंकरो के निर्माण कार्य शुरू किए है।